पाकिस्तान में भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव को फांसी की सजा सुनाए जाने के मामले में इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ़ जस्टिस ने आज अपना फैसला सुना दिया है। कोर्ट ने अपने फैसले में जाधव की फांसी पर रोक लगाते हुए पाकिस्तान को आदेश दिया कि अंतिम फैसला आने तक जाधव की फांसी पर लगी रोक जारी रहेगी। आज सुनवाई के दौरान पाकिस्तान को बड़ा झटका देते हुए इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ़ जस्टिस ने कहा कि जाधव को काउंसलर एक्सेस मिलना चाहिए था यह उनका अधिकार है लेकिन यह दिया नहीं गया ऐसा करना वियना संधि का उल्लंघन है। कोर्ट भारत की दलीलों से संतुष्ट है। कोर्ट ने पाकिस्तान के जाधव के जासूस बताने के दावे को भी गलत ठहराया है। कोर्ट ने कहा कि पाकिस्तान अभी आगे कोई करवाई नहीं कर सकता है। पाकिस्तान यह सुनिश्चित करे कि अंतिम फैसले से पहले किसी भी परिस्थिति में जाधव को फांसी नहीं दी जाएगी।
अंतराष्ट्रीय कोर्ट ऑफ जस्टिस के इस आदेश के बाद विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने भी ट्वीट करके खुशी जाहिर की और लिखा कि इस फैसले से कुलभूषण जाधव के परिवार समेत पूरे भारत को राहत मिली है। इसी के साथ विदेश मंत्री ने भारत की ओर से अंतराष्ट्रीय कोर्ट में पक्ष रखने वाले हरीश साल्वे का भी आभार व्यक्त किया कि उन्होंने भारत के पक्ष को बड़ी मजबूती से रखा।
The ICJ order has come as a great relief to the familly of Kulbhushan Jadhav and people of India.
— Sushma Swaraj (@SushmaSwaraj) May 18, 2017
We are grateful to Mr.Harish Salve for presenting India's case so effectively before ICJ.
— Sushma Swaraj (@SushmaSwaraj) May 18, 2017
गौरतलब है कि कुलभूषण सुधीर जाधव भारतीय नौसेना के पूर्व अधिकारी हैं। वह महाराष्ट्र के कोल्हापुर से हैं। कुलभूषण को गत वर्ष पाकिस्तान ने ब्लूचिस्तान से भारतीय जासूस होने के आरोप में गिरफ्तार किया था। उन्हें 10 अप्रैल 2017 को पाकिस्तान की एक सैन्य अदालत ने जासूसी के आरोपों को आधार बनाकर फांसी की सजा सुनाई थी।
कुलभूषण सुधीर जाधव के मामले में भारत ने कई बार पाकिस्तान से बातचीत करने और जाधव को क़ानूनी सहायता उपलब्ध कराने की मांग की लेकिन पाकिस्तान ने भारत के अनुरोध को अनसुना कर दिया। जिसके बाद जाधव को इंसाफ दिलाने के लिए सरकार ने इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ़ जस्टिस में अपील की थी। अंतरराष्ट्रीय अदालत ने कुलभूषण की फांसी पर रोक लगाते हुए भारत और पाकिस्तान से 15 मई को अपना पक्ष रखने को कहा था। दोनों देशों ने इसपर अपना मत रखा था। जिसके बाद अदालत ने उस दिन अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। इसी सुनवाई के आधार पर आज यह फैसला आया है। कुलभूषण से पहले भी पाकिस्तान एक अन्य भारतीय सरबजीत को फांसी की सजा दे चुका है।
जानें कुलभूषण मामले में कब क्या हुआ?
- कुलभूषण जाधव को 3 मार्च, 2016 को ईरान से पाकिस्तान में अवैध घुसपैठ और जासूसी के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
भारत ने कहा ईरान से व्यापार के सिलसिले में बलूचिस्तान गए थे जाधव।
- पाकिस्तान ने आरोपों को साबित करने के लिए कुलभूषण के कबुल्नामे का एक वीडियो जारी किया।
भारत ने कहा दबाव देकर बनाया गया है वीडियो,वीडियो में 102 कट होने का दावा किया गया।
- पाकिस्तान द्वारा जारी वीडियो में जाधव खुद को नौसेना अधिकारी और संसद हमले के बाद खुद के जासूसी करने का दावा करते दिख रहे हैं।
भारत ने कहा वह भारतीय नागरिक हैं लेकिन वर्तमान में वह नौसेना में नहीं थे। वह रिटायर्ड अधिकारी हैं और अब ईरान में व्यापार कर रहे हैं। भारत ने पाकिस्तान पर उन्हें अगवा करने का लगाया आरोप।
- पाकिस्तान ने जाधव के पासपोर्ट पर अलग नाम होने का दावा किया,इससे सम्बंधित साक्ष्य के रूप में जाधव की तस्वीर लगा एक पासपोर्ट जारी किया।
भारत ने उन्हें जबरन हिरासत में लेने और परेशान करने की बात कही पूछा पाक बताये कि जब वह ईरान में व्यापार कर रहे थे तो वह पाकिस्तान कैसे पहुंचे?
- भारत ने पाकिस्तान स्थित दूतावास में मौजूद अधिकारियों को जाधव से मिलने की इज़ाज़त मांगी।
पाकिस्तान ने इस मांग को ठुकराया साथ ही जासूसी और विध्वंसक गतिविधियों में शामिल होने का आरोपी बताया।
- 10 अप्रैल 2017 को पाकिस्तान की सैन्य अदालत ने जाधव को फांसी की सजा सुनाई।
- 11 अप्रैल को जाधव को फांसी की सजा सुनाये जाने के बाद सड़क से संसद तक हंगामा विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा जाधव को किसी कीमत पर वापस लायेंगे।
- फांसी की सजा सुनाये जाने के बाद भारत सरकार ने कुलभूषण को वापस लाने के प्रयास तेज किए। पाकिस्तान से 16 बार जाधव से भारतीय अधिकारियों को मिलने देने की इज़ाज़त मांगी।
पाकिस्तान ने किया इंकार नहीं दी मिलने की इजाजत न ही काउंसलर एक्सेस का दिया अधिकार।
- जाधव मामले में पाकिस्तान के इंकार के बाद भारत सरकार पहुंची इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ़ जस्टिस।
- 10 मई को इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ़ जस्टिस ने जाधव की फांसी की सजा पर रोक लगाई।
- कोर्ट ने दोनों देशों को 15 मई को अपना पक्ष रखने को कहा।
- 15 मई को भारत-पाकिस्तान को कोर्ट ने डेढ़ घंटे का वक़्त दिया दोनों देशों ने अपनी बात कोर्ट में रखी।
- भारत की तरफ से हरीश साल्वे ने अपनी दलील में कहा कि पाकिस्तान कर रहा वियना संधि का उल्लंघन,पाकिस्तान बोला इस कोर्ट को राजनैतिक मंच न बनाये भारत।
- 18 मई 2017 को इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ़ जस्टिस ने अपना फैसला सुनाया,कुलभूषण की फांसी की सजा पर लगाई रोक