Army Day: देश मना रहा 75वां सेना दिवस, PM Modi ने दी बधाई- कहा हर भारतीय को Army पर गर्व

Army Day: गौरतलब है कि 15 जनवरी 1949 को भारत के पहले सेना प्रमुख फील्ड मार्शल कोडंडेरा मडप्पा करियप्पा ने ब्रिटिश पूर्ववर्ती की जगह भारतीय सेना का औपचारिक अधिग्रहण किया था।

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Army Day today hindi news
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Army Day: आज पूरा देश 75वां सेना दिवस मना रहा है।इस मौके पर सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने बेंगलुरु में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि सेना लगातार उत्तरी सीमावर्ती इलाकों में स्थिति सामान्य रही है। इसके साथ-साथ एलएसी पर मजबूत डिफेंस बरकरार रखते हुए हम किसी भी आकस्मिकता से निपटने के लिए तैयार हैं।जवानों को सभी प्रकार के हथियार, उपकरण और सुविधाएं पर्याप्त मात्रा में दी जा रही है।इस मौके पर बेंगलुरु में थलसेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे की मौजूदगी में विशेष परेड का आयोजन भी किया गया।75वें सेना दिवस के मौके पर रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सेना को बधाई देते हुए कहा कि पूरे देश को आर्मी पर गर्व है।

Army Day: क्‍यों मनाते हैं सेना दिवस ?

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Army Day.

Army Day: गौरतलब है कि 15 जनवरी 1949 को भारत के पहले सेना प्रमुख फील्ड मार्शल कोडंडेरा मडप्पा करियप्पा ने ब्रिटिश पूर्ववर्ती की जगह भारतीय सेना का औपचारिक अधिग्रहण किया था।यानी सेना की कमान अपने हाथों में ली थी।
इसी के सम्मान हर वर्ष आज ही के दिन सेना दिवस मनाया जाता है। इस मौके पर पहली बार ऐसा हो रहा है कि भारतीय सेना दिवस की परेड राष्ट्रीय राजधानी की जगह बेंगलुरु में आयोजित की जा रही है।

सैनिकों के जोश और जज्‍बे को सलाम, क्‍योंकि हम सुरक्षित हैं, सरहद पर सेना डटी हुई है।जोकि कठिन परिस्थिति में भी हमारी सीमाओं की रक्षा करती है।सेना की कर्तव्‍यनिष्‍ठा उसके काम से ही झलकती है।भारतीय सैनिकों की अमर गाथा और देश के प्रति प्राणों का बलिदान कभी भुलाया ही नहीं जा सकता है।सेना दिवस उन्‍हीं वीरों की शौर्य गाथा को नमन करने का दिन है।

Army Day: जानिए पहले सेनाध्‍यक्ष केएम करियप्‍पा के बारे में

KM Kariuppa min
Field Marshal K.M.Cariappa.

Army Day: केएम करियप्‍पा का जन्‍म कर्नाटक के कुर्ग में 1899 में हुआ था।उन्‍होंने ब्रिटिश भारतीय सेना से फौज में सेवाएं देनी शुरू कीं।करियप्‍पा ने 1947 में भारत-पाकिस्‍तान युद्ध में पश्चिमी सीमा पर सेना का नेतृत्‍व किया।यही नहीं बंटवारे के दौरान सेना को बांटने की जिम्‍मेदारी भी उन्‍हीं को सौंपी गई थी। वर्ष 1953 में वे सेवानिवृत्‍त हुए और वर्ष 1986 में उन्‍हें फील्‍ड मार्शल के पद से सम्‍मानित किया गया।

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