कोरोना वायरस प्रकोप के बीच देश में ब्लैक फंगस का कहर जारी है। देश के कई राज्यों में केस मिले हैं। भारत में ब्लैक फंगस से पीड़ित मरीजों की संख्या 9 हजार के पार पहुंच गई है। इस बीच ब्लैक फंगस को लेकर एक स्टडी की गई है, जिसके अनुसार कुछ ऐसी चीजे हैं जो कोविड मरीज़ों में कॉमन हैं, जो ब्लैक फंगस की चुनौती के बारे में कुछ समझा सकती हैं।
ब्लैक फंगस को लेकर 210 मरीजों पर स्टडी की गई हैं, जिसमें सभी को एंटीबायोटिक्स (Azithromycin, Doxycycline and Carbapenems) दिया गया था। इसी के बाद ये लोग ब्लैक फंगस का शिकार हुए।
मध्य प्रदेश के महाराजा यशवंतराव अस्पताल के डॉ. वीपी पांडे ने इस स्टडी को लिखा है कि, जो ब्लैक फंगस के मरीज़ मिले हैं उनमें सिर्फ 14 फीसदी में ही स्टेरॉइड्स का इस्तेमाल किया गया थाष। जबकि स्वास्थ्य मंत्रालय ने इसे ही ब्लैक फंगस के पीछे अहम कारण बताया था।
देश में ब्लैक फंगस तेजी से पैर पसार रहा है। अब तक 9 हजार से अधिक लोग इसकी चपेट में आचुके हैं। बढ़ते मामलों को देखते हुए 14 राज्यों ने इसे महामारी घोषित कर दिया है। बता दें कि, ब्लैक फंगस कैसे फैल रहा है इस बात का कोई पुख्ता प्रमाण सामने नहीं है। हर स्टडी में अलग-अलग खुलासा हो रहा है।
स्टडी के मुताबिक, ब्लैक फंगस के शिकार मरीज़ों में 30 फीसदी तक मृत्यु दर है। हालांकि, ये पहले के मुकाबले कुछ हदतक कम है। ब्लैक फंगस के शिकार होने वालों में 78.9 फीसदी तक संख्या पुरुषों की है, जबकि 41 फीसदी वो हैं जो कोरोना को मात देकर डिस्चार्ज हो गए थे।
इन्हें हो सकता है ब्लैक फंगस
कैंसर के मरीज हैं, जल्द ही कोरोना से रीकवर हुए हैं।
शुगर से पीड़ित हैं।
बहुत ही कमजोर इम्यून सिस्टम
अधिक मात्रा में स्टेरॉइड्स का इस्तेमाल
24 घंटे से अधिक ऑक्सीजन पर निर्भर रहना
ब्लैक फंगस के मरीज़ों में एक और चीज जो पाई गई है, वह ये है कि अधिक मात्रा में स्टीम लेना भी ये किसी मरीज़ के लिए हानिकारक हो सकता है। आईएमए के कोच्चि चैप्टर के पूर्व प्रमुख डॉ. राजीव जयवर्धन ने इसको लेकर चेताया है। उन्होंने कहा कि शरीर में एक लेयर है जो हमें एक तरह के बैक्टिरिया से बचाती है, लेकिन अधिक मात्रा में स्टीम इसको नुकसान पहुंचा सकती है।
कोरोना की पहली लहर में भी ब्लैक फंगस के मामले दिख रहे थे लेकिन ना के बराबर थे, दूसरी लहर में ब्लैक फंगस काल बनकर आया है। बता दे कि, देश में आज 24 घंटे के भीतर 2,22,315 नए मामले सामने आए हैं वहीं 4,454 मरीजों की मौत हो गई है। इस समय देश में 27,20,0716 एक्टिव केस है।