भारत की वायु सेना दुनिया की चुनिंदा सेनाओँ में से एक है। इसके पीछे वजह ये है कि भारत ने आधुनिकता के इस दौर में अपने आप को भी आधुनिक बनाने का काम किया है। उसके पास भी आज ऐसे-ऐसे आधुनिक मिसाइल हैं जो दुश्मनों को धूल चटाने के लिए काफी है। इसी क्रम में भारत ने फिर से एक नई कामयाबी पाई है। भारत ने रविवार सुबह 9 बजकर 48 मिनट पर अंतरमहाद्वीप बैलेस्टिक मिसाइल अग्नि-5 का सफल परीक्षण किया। भारत इस तरह के प्रक्षेपास्त्र विकसित करने वाला दुनिया का पांचवां देश बन चुका है। अभी सिर्फ अमेरिका, रूस, फ्रांस और चीन के पास ही ऐसी मिसाइल हैं। यह लॉन्ग रेंज बलिस्टिक मिसाइल परमाणु हथियार ले जा सकती है। 5,000 किमी तक की मारक क्षमता वाली मिसाइल को डॉ. अब्दुल कलाम टापू से लॉन्च किया गया।

अग्नि-5 का यह छठा परीक्षण था। इससे पहले 18 जनवरी 2018 को परीक्षण किया गया था, जो सफल रहा था। ओडिशा के अब्दुल कलाम आइलैंड के इंटेग्रेटिड टेस्ट रेंज (आईटीआर) से इसका परीक्षण किया गया। यह आइलैंड ओडिशा के बालासोर जिले में मौजूद है। इस आइलैंड को व्हीलर आइलैंड भी कहा जाता है। अग्नि-5 मिसाइलों को डीआरडीओ ने विकसित किया है और अग्नि सीरीज की मिसाइलों को चीन और पाकिस्तान को ध्यान में रखकर जमीन पर मार करने लिए तैयार किया गया है। अग्नि-5 मिसाइल की ऊंचाई करीब 17 मीटर और व्यास 2 मीटर है।

50 टन वजन की यह मिसाइल 17.5 मीटर लम्बी, दो मीटर चौड़ी तथा यह अपने साथ 1 टन वजन का विस्फोटक ले जाने की ताकत रखती है। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के मुताबिक, अग्नि-5 श्रृंखला के अन्य मिसाइलों के विपरीत, अग्नि-5 नेविगेशन और गाइडेंस, वॉरहैड और इंजन के संदर्भ में नई प्रौद्योगिकियों के साथ सबसे उन्नत है।

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