पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने अंतर्राष्ट्रीय सीमा के उस पार करतारपुर गलियारे के शिलान्यास कार्यक्रम में शामिल होने के पाकिस्तान सरकार का आमंत्रण ठुकरा दिया है। कैप्टन सिंह ने रविवार को कहा कि उन्हें पाकिस्तान सरकार की तरफ से आमंत्रण मिला है, लेकिन जब सीमा पार से लगातार भारतीय सैनिकों को निशाना बनाया जा रहा है और पंजाब में आतंकवादी हमले हो रहे हैं, इस स्थिति में वह पाकिस्तान नहीं जा सकते।

उन्होंने ट्वीट किया “गुरुद्वारा करतारपुर साहब जाने का सपना टूटता रहा है। करतारपुर गलियारा समारोह में शामिल होने के पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय तथा अन्य के आमंत्रण को अस्वीकार करता हूं। उम्मीद है वाहे गुरू हमें शांति और सद्भाव का आशीर्वाद देंगे।”

पाकिस्तान सरकार ने 28 नवंबर को करतारपुर गलियारा शिलान्यास कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए शनिवार को विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, कैप्टन सिंह और पंजाब के मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू को आमंत्रित किया है। वहीं भारतीय सीमा के भीतर आने वाले गलियारे के हिस्से का शिलान्यास उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू 26 नवंबर को करेंगे।

उल्लेखनीय है कि सिखों के प्रथम गुरू गुरुनानक देव जी ने करतारपुर में अपने जीवन के 18 साल व्यतीत किये थे। भारत सरकार ने ‘करतारपुर साहिब गलियारे’ का विकास करने तथा इस पर अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर हवाई अड्डे जैसी सुविधा विकसित करने का निर्णय किया है जहां वीजा, ट्रांजिट और कस्टम की सभी सुविधाएँ होंगी। भारत की अपील पर पाकिस्तान भी सीमा पर करतारपुर तक गलियारे के विकास पर सहमत हुआ है।

-साभार, ईएनसी टाईम्स

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