कृषि बिल के खिलाफ किसानों का आक्रोश बढ़ता ही जा रहा है। अन्नदाताओं ने आज भारत बंद का ऐलान भी किया है। देश के कई राज्यों में भारत बंद का असर भी नजर आने लगा है।
प्रदर्शन के कारण हरियाणा और चंडीगढ़ में बस सेवाएं ठप पड़ी हैं साथ ही कई जगह पर रेल यातायात भी प्रभावित हुई है। साथ ही बिहार मे किसानों ने एनएच19 हाईवे को जाम कर दिया है और आगजनी की भी खबरे सामने आरही हैं।
किसान संगठन मिलकर इस कानून के खिलाफ आज 12 बजे जंतर-मंतर पर धरना भी देने वाले हैं।
2015 में किसान आए थे सड़कों पर
इस प्रदर्शन में पंजाब, हरियाणा, पूर्वी उत्तरप्रदेश और बिहार के किसान अधिक संख्या में शामिल हैं। इसके पहले किसानों ने जनवरी 2015 में भी नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया था।
सरकार भूमि अधिग्रहण कानून में बदलाव के लिए अध्यादेश लेकर आई थी, जिसके खिलाफ देश भर के किसान सड़क पर उतर आए थे। मोदी सरकार ने इस अध्यादेश को लोकसभा से पास भी करा लिया था, लेकिन किसानों का आंदोलन इतना ज्यादा बढ़ गया था कि सरकार ने घुटने टेक दिए थे।
31 संगठन किसानों के साथ
कृषि कानून के खिलाफ भारतीय किसान यूनियन समेत विभिन्न किसान संगठनों ने 25 सितंबर को देशभर में चक्का जाम करने का ऐलान किया है। इसमें 31 संगठन शामिल हो रहे हैं। किसान संगठनों को कांग्रेस, RJD, समाजवादी पार्टी, अकाली दल, AAP, TMC समेत कई पार्टियों का साथ भी मिला है। इससे पहले पंजाब में तीन दिवसीय रेल रोको अभियान की गुरुवार से शुरुआत हो गई है। किसान रेलवे ट्रैक पर डटे हुए हैं और बिल को वापस लेने की मांग कर रहे हैं।
सोशल मीडिया का मिला साथ
सोशल मीडिया पर भी लोग किसानों का साथ दे रहे हैं #BharatBand, #आज_ भारत_ बंद_ है जम कर ट्रेंड कर रहा है। सभी विपक्षी पार्टियां किसानों के साथ खड़ी हैं।
भारत बंद को देखते हुए कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी ने भी ट्वीट किया है जिसमें उन्होंने लिखा है, “किसानों से MSP छीन ली जाएगी। उन्हें कांट्रेक्ट फार्मिंग के जरिए खरबपतियों का गुलाम बनने पर मजबूर किया जाएगा।”
ये हैं कानून
कृष बिल के आते ही सदन में हंगामा शुरू हो गया था इस बीच 8 सांसदों को निलंबित भी कर दिया गया था। लेकिन हंगामे का कोई असर नहीं हुआ। अखिरी मे तीनों सदनों से कृषि बिल पास हो गया। ये तीन कानून शामिल हैं
- कृषि उत्पादन व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन सुविधा) विधेयक 2020
- मूल्य आश्वासन एंव कृषि सेवाओं पर किसान (सशक्तिकरण एंव संरक्षण) अनुबंध विधेयक 2020
- आवश्यक वस्तु संशोधन बिल 2020हंगामे का कारण
हंगामें का कारण
इस कानून के कारण किसानों में इस बात का डर बैठ गया है कि एपीएमसी मंडिया समाप्त हो जाएंगी। कृषि उत्पादन व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन सुविधा) विधेयक 2020 में कहा गया है कि किसान एपीएमसी मंडियों के बाहर बिना टैक्स का भुगतान किए किसी को भी बेच सकता है। वहीं कई राज्यों में इस पर टैक्स का भुगतान करना होता है। इस बात का डर किसानों को सता रहा है कि बिना किसी अन्य भुगतान के कारोबार होगा तो कोई मंडी नहीं आएगा।
साथ ही ये भी डर है कि सरकार एमएसपी पर फसलों की खरीद बंद कर देगी। गौरतलब है कि कृषि उत्पादन व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन सुविधा) विधेयक 2020 में इस बात का कोई जिक्र नहीं किया गया है फसलों की खरीद एमएसपी से नीचे के भाव पर नहीं होगी।