भारत में बनी बॉलीवुड फिल्म मदर इंडिया में एक मां की कहानी है जो अपने बच्चों को पालने के लिए कड़ी मशक्कत करती है। हालांकि यह एक रील लाइफ की कहानी है लेकिन रियल लाइफ में भी ऐसी ही एक मदर इंडिया है जो अपने बच्चों को पढ़ाने के लिए अपनी किडनी तक बेचने को मजबूर हो गई है।

हमारे देश में बड़े-बड़े नेता, फिर चाहे वो मुख्यमंत्री हो या प्रधानमंत्री सभी गरीबों की मदद करने का दावा तो हर बार करते हैं लेकिन जमीनी स्तर की सच्चाई कुछ और ही होती है। जमीनी स्तर पर जब एक मां सीएम और पीएम के पास अपने बच्चों की शिक्षा के लिए मदद की गुहार लेकर जाती है तो उसे ज्यादा से ज्यादा आश्वासन के अलावा कुछ नहीं मिलता। ऐसा ही कुछ हाल आगरा की एक बेबस मां आरती शर्मा का है जिसने सरकारी मदद की उम्मीद छोड़कर अपनी किडनी बेचने के लिए सोशल मीडिया के जरिए ग्राहक मांगा है।

आगरा के रोहता क्षेत्र की रहने वाली आरती शर्मा की 3 बेटियां और 1 बेटा है जो कि पढ़ाई लिखाई में बहुत अच्छे हैं। आरती के जीवन में कुछ महीने पहले तक सब ठीक-ठाक ही चल रहा था। उनके पति मनोज शर्मा का रेडिमेड कपड़ो का कारोबार था। मनोज के मुताबिक नोटबंदी की मार का असर उनके छोटे से कारोबार पर पड़ा और उनकी व्यापार की कड़ी मंदी की वजह से कटती चली गई। आखिरकार उनका धंधा ठप हो गया और अब उन्हें अपने परिवार का पेट पालना भी भारी पड़ रहा है। उनके बच्चे घर के पास एक सीबीएसई अंग्रेजी माध्यम के स्कूल में पढ़ते थे लेकिन पैसों की तंगी की वजह से मां-बाप बच्चों की फीस जमा ना करा पाए, लिहाजा स्कूल प्रबंधन ने बच्चों को बाहर का रास्ता दिखा दिया।

इसी दौरान आरती को शिक्षा के अधिकार के बारे में पता चला तो उन्हें उम्मीद की एक किरण दिखी कि शायद इसके जरिए उनके बच्चों की पढ़ाई नहीं रुकेगी। आरती ने स्थानीय अधिकारियों की मदद से कई जगहों पर गुहार लगाई लेकिन कहीं भी कुछ हासिल नहीं हुआ। आरती अपने बच्चों के स्कूल की फीस के संबंध में जब जिलाधिकारी से मिलीं तो उन्होंने बड़ा गलत जवाब देते हुए कहा कि अपनी हैसियत देखकर बच्चों को पढ़ाओ। इसके बाद आरती मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दरबार में भी मदद की गुहार लगाने पहुंची। आरती के मुताबिक मुख्यमंत्री से उनकी मुलाकात भी हुई और उन्होंने आरती को मदद का भरोसा भी दिया लेकिन अभी तक कोई मदद उनतक नहीं पहुंच पाई। आखिरकार प्रशासन और सरकारी मदद की उम्मीद से हारकर इस बेबस मां ने सोशल मीडिया पर पोस्ट डालकर लोगों से किडनी खरीदने की अपील की है। इस मां का कहना है कि वो सीएम से लेकर पीएम तक गुहार लगा चुकी हैं लेकिन कहीं से उसे मदद नहीं मिली। हर तरफ से थक-हार कर इस मजबूर मां ने अपनी किडनी बेचने का फैसला किया। सिर्फ इसलिए कि उसके बच्चों की पढ़ाई जारी रह सके।

 

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