एक तरफ कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी आरएसएस पर जोरदार हमला बोल रहे हैं। वो आरएसएस को आतंकवादी संगठन कह रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ आरएसएस उनको अपने एक कार्यक्रम के लिए निमंत्रण पत्र भेजने वाला है। खबरों के मुताबिक, 17 से 19 सितंबर के बीच होने वाले एक प्रोग्राम के लिए आरएसएस कई बड़े विपक्षी नेताओं को न्योता दे सकती है। सोमवार को संघ के प्रचार प्रमुख अरुण कुमार ने बताया कि इस कार्यक्रम में कई राजनीतिक और अन्य क्षेत्रों से लोगों को बुलाया जाएगा। इसमें ‘भविष्य का भारत’ कार्यक्रम के तहत राहुल और येचुरी समेत अन्य कई दिग्गज नेताओं को शामिल करने की योजना है। बता दें कि 17 सितंबर को पीएम मोदी का जन्मदिन भी है। ऐसे में उनको भी आमंत्रण भेजा जा सकता है।
हालांकि आरएसएस ने कांग्रेस को कोई आधिकारिक संदेश नहीं भेजा है। कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि पार्टी इस पर तभी बोलेगी जब उन्हें आधिकारिक तौर पर निमंत्रण मिलेगा। वह पहले न्योते की भाषा देखना चाहती है। सूत्रों के मुताबिक राहुल गांधी को आरएसएस चीफ मोहन भागवत से सवाल पूछने के लिए भी आमंत्रित किया जाएगा। आरएसएस द्वारा राहुल गांधी को यूं निमंत्रण भेजना कई मायनों में हैरान कर देने वाला है। इसके कई राजनीतिक मायने बताए जा रहे हैं क्योंकि इस तरह से एक ही मंच पर दो धुर विरोधी आपस में एकसाथ बैठेंगे।
बता दें कि राहुल गांधी लगातार आरएसएस और भारतीय जनता पार्टी पर आक्रामक रूप से निशाना साधते रहे हैं। हाल ही के दिनों में राहुल सीधे आरएसएस का नाम ले उसपर देश को बांटने का आरोप लगाते रहे हैं। अपने विदेश दौरे के समय भी वो आरएसएस पर इल्जामात लगाते रहे हैं। उनका कहना है कि आरएसएस पूरे देश में जबरदस्ती अपनी विचारधारा ठोपना चाहता है।