दिल्ली हाई कोर्ट ने लाभ के पद को लेकर आम आदमी पार्टी के विधायकों को अयोग्य ठहराए जाने के मामले में सुनवाई करते हुए मंगलवार (30 जनवरी) को निर्वाचन आयोग से विस्तृत हलफनामा दायर करने को कहा। इसके साथ ही हाई कोर्ट ने इन सीटों पर उपचुनाव की घोषणा से निर्वाचन आयोग को रोकने वाले अपने अंतरिम आदेश को भी आगे बढ़ा दिया। आम आदमी पार्टी के 20 पूर्व विधायकों के मामले पर अब सात फरवरी को सुनवाई होगी।
इससे पहले दिल्ली हाई कोर्ट ने विधायकी खत्म करने के चुनाव आयोग के फैसले पर राष्ट्रपति के मुहर लगाने को चुनौती देने वाली याचिका पर चुनाव आयोग को नोटिस जारी किया है और चार दिन में जवाब मांगा है। इसके बाद विधायकों को चार दिन में अपना जवाब देना होगा। पूर्व विधायकों ने याचिका में मांग की है कि चुनाव आयोग की ओर से राष्ट्रपति को दी गई सिफ़ारिश को रद्द किया जाए। साथ ही राष्ट्रपति की ओर से जारी किए गए नोटिफ़िकेशन को स्टे किया जाए।
याचिका में यह मांग भी की गयी है कि लाभ के पद को लेकर दोबारा से सुनवाई हो जिसमें आम आदमी पार्टी को अपना पक्ष रखने का अवसर दिया जाए। वकील प्रशांत पटेल ने हाइकोर्ट को बताया कि ‘आप’ के उन 21 विधायकों ने के अयोग्य करार देने वाली अधिसूचना पर विचार-विमर्श करने के बाद उन्होंने इन विधायकों के खिलाफ चुनाव आयोग में अर्जी दायर की थी, जिन्हें दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार ने संसदीय सचिव के पद पर नियुक्त किया था। रजौरी गार्डन से विधायक रहे जरनैल सिंह के खिलाफ कार्यवाही बंद कर दी गई थी, क्योंकि उन्होंने पंजाब विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए दिल्ली विधानसभा की सदस्यता छोड़ दी थी।