इन दिनों तीन तलाक का मुद्दा गरमाया हुआ है। तीन तलाक पर जारी हंगामे के बीच केंद्र सरकार का एक अहम बयान सामने आया है। केंद्र की मोदी सरकार में वरिष्ठ मंत्री वेंकैया नायडू का कहना है कि अगर मुस्लिम समाज खुद इस तीन तलाक की प्रथा को नहीं बदलता है तो सरकार इसे प्रतिबंधित करने के लिए कानून बना सकती है।
नायडू ने अमरावती में एक सभा को संबोधित करते हुए कहा, “मुद्दे को देखना समाज पर निर्भर करता है और अच्छा होगा अगर मुस्लिम समाज खुद ही इस प्रथा को बदल दे, अन्यथा ऐसी स्थिति उभरेगी कि सरकार को कानून लाना होगा।”
केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री ने कहा कि जो लोग कहते हैं कि यह किसी भी समुदाय या धर्म का निजी मामला है और सरकार इसमें हस्तक्षेप नहीं कर सकती तो वह गलत है। यह किसी के निजी मामले में हस्तक्षेप करना नहीं बल्कि महिलाओं के लिए समान अधिकार और न्याय का सवाल है।
उन्होंने कहा कि हिंदू समाज में भी बाल विवाह, सती और दहेज जैसी अनेक कुप्रथाएं थी। पर जब लगा कि इस तरह की प्रथा समाज की भलाई के खिलाफ है तो हिंदू समाज ने उन पर चर्चा की और उनमें सुधार किए। बुरी प्रथाओं को समाप्त करने के लिए कानून बनाए ही जाने चाहिए। वेंकैया ने आगे कहा, इंसान इंसान होता है, उन्हें हिंदू, मुसलमान या ईसाई में बांटकर नहीं देखा जाना चाहिए। महिलाओं से किसी भी तरह का भेदभाव नहीं होना चाहिए।
गौरतलब है कि तीन तलाक के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही थी। सुनवाई पूरी हो चुकी है और कोर्ट ने इस पर फैसला सुरक्षित रखा है।