इस साल अब तक जम्मू-कश्मीर के 87 स्थानीय युवक आतंकी बन गए। इस आकड़े ने सरकार की चिंता बढ़ा दी है। गृह मंत्रालय की ओर से दी गई जानकारी में बताया गया है कि कश्‍मीर घाटी में इस साल 87 युवकों ने अलग-अलग आतंकी संगठनों का रास्‍ता चुना है। सबसे ज्यादा 35 आतंकी दक्षिण कश्मीर के पुलवामा जिले से अलग-अलग आतंकी संगठनों में शामिल हुए हैं।  लोकसभा में लिखित जवाब देते हुए गृह राज्यमंत्री हंसराज अहीर ने जो जानकारी दी है उसमें बताया गया है कि कुल 87 युवकों में से 14 आतंकी अनंतनाग से हैं तो 35 आतंकी पुलवामा से हैं। वहीं 23 आतंकी शोपियां से हैं जबकि 15 आतंकी कुलगाम से है।

गृह मंत्रालय ने अपने जवाब में ये भी कहा है कि राज्‍यपाल शासन जब से लागू हुआ है तब से कश्मीर घाटी में 12 युवाओं ने आतंकी संगठनों का रास्ता चुना है। हालांकि हंसराज अहीर ने बताया कि कश्मीर घाटी में आतंकी संगठनों में युवाओं के शामिल होने को रोकने के लिए कुछ कदम उठाए गए हैं, जिसमें कई तरीके के ऑपरेशन ग्रिड बनाए गए हैं। इसके साथ ही खुफिया एजेंसियों के ह्यूमन इंटेलिजेंस विंग को भी मजबूत किया गया है।

गृह राज्य मंत्री ने लोकसभा में ये भी जानकारी दी कि कश्मीर घाटी के युवा आतंकी संगठन में शामिल ना हों इसके लिए टेक्निकल ग्रिड को भी मजबूत किया जा रहा है। इसके साथ ही युवाओं को ज्यादा से ज्यादा रोजगार देकर उनको मुख्यधारा में लाने की कोशिश भी की जा रही है।   गृह मंत्रालय ने लोकसभा में ये भी बताया कि इस साल 22 जुलाई तक सुरक्षाबलों ने 110 आतंकवादियों को जम्मू-कश्मीर में ढेर किया है। जबकि पिछले साल 2017 में 213 आतंकवादी कश्मीर घाटी में अलग-अलग ऑपरेशन में मारे गए थे। हंसराज अहीर ने लोकसभा में ये भी जानकारी दी कि 2015 और 2016 में 108 और 150 आतंकवादियों को सुरक्षाबलों ने ढेर किया था। 22 जुलाई 2018 तक आतंकी ऑपरेशन के दौरान 18 नागरिक भी मारे गए हैं जबकि 2017 में 40 नागरिक अलग-अलग ऑपरेशन के दौरान मारे गए थे।

                                                                                                                       एपीएन ब्यूरो

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