भारतीय बैंकों में हर खाताधारक का अकाउंट होता है जिसमें वो पैसा जमा करवाता है। ऐसे में बैंकों के पास उस खाताधारक का नाम, पता और पूरा विवरण होता है। उसके खाते से निकाली गई राशि और डाली गई राशि या किसी भी प्रकार का लेनदेन बैंक हमेशा अपने रिकॉर्ड में रखता है। ऐसे में एक ऐसे रिकॉर्ड का पता चला है जिसमें बैंक अकाउंट तो हैं, उसमें पैसे भी जमा हैं लेकिन उनको निकालने वाला कोई नहीं है। मतलब, उस खाते के खातेधारक का कुछ अता-पता नहीं है। जी हां, देश के अलग-अलग बैंकों में ऐसा काफी पैसा जमा है जिसका कोई दावेदार नहीं है।  खबरों के मुताबिक, देश के अगर कुल बैंकों को मिला लिया जाए तो लगभग 8 हजार करोड़ रुपए का कोई दावेदार ही नहीं है।

आरबीआई के मुताबिक अलग-अलग बैंकों के 2.63 खातों में पड़े 8,864.6 करोड़ रुपए का कोई दावेदार नहीं है। यह आंकड़ा 2016 तक का है। अभी 2018 तक का आंकड़ा आना बाकी है। सूत्रों के मुताबिक, माना जा रहा है कि सरकार द्वारा KYC नियमों में की गई सख्ती की वजह से ऐसे खातों की संख्या बढ़ गई है। साथ ही जो खाताधारक इस दुनिया में नहीं हैं, उनके अकाउंट में जमा पैसा भी कोई लेने नहीं आ रहा है। दरअसल,  बैंक तब ही किसी को उनके पैसे निकालने देता है जब पैसा मांगने वाला शख्स उस खाताधारक से अपना करीबी रिश्ता स्थापित कर पाए। ऐसे में कई लोग बैंकों के पीछे दौड़ने से अच्छा उस पैसे को छोड़ना ही बेहतर समझते हैं। छोटे-मोटे अकाउंट में कोई पैसा निकालने भी नहीं जाता।

रिपोर्ट के मुताबिक 2012 से 2016 यानी पिछले चार सालों में इस तरीके का पैसा दोगुना हो गया है। ऐसे खातों की संख्या 2012 में 1.32 करोड़ थी जो 2016 में 2.63 करोड़ हो गई थी। वहीं 2012 में उनमें जमा पैसा 3,598 करोड़ रुपये था जो कि 2016 में 8,864 रुपये हो गया था। हालांकि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बैंकों को निर्दश दिया है कि जिन खातों का कोई खाताधारक या रिश्तेदार सामने नहीं आया है। उन खातों की लिस्ट बैंक के वेबसाइट में अपलोड करें।

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