आज हिमाचल प्रदेश और उसकी जनता का भविष्य ईवीएम में कैद हो गया। कड़ी सुरक्षा के बीच गुरुवार को हिमाचल प्रदेश विधानसभा की सभी 68 सीटों पर शांतिपूर्ण तरीके से मतदान संपन्न हो गया। मतदान के बाद भाजपा और कांग्रेस के बीच कड़े मुकाबले के संकेत मिले हैं। देर शाम 5 बजे तक 74 फीसदी मतदाता अपने मत का प्रयोग कर चुके थे। इसके बावजूद करीब 435 पोलिंग बूथों पर आखिरी समय में भी लोग वोट डालने के लिए कतार में लगे थे। सूबे में 13 विधानसभा के लिए रिकॉर्डतोड़ और बंपर वोटिंग हुई। हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनावों में यह सबसे ज्यादा मतदान प्रतिशत है।

बता दें कि हिमाचल प्रदेश के इतिहास में 2012 के चुनाव में 73.51 फीसदी लोगों ने मतदान किया था। उप चुनाव आयुक्त संदीप सक्सेना ने संवाददाता सम्मेलन में बताया कि हिमाचल प्रदेश की 68 सीटों पर सुबह आठ बजे से शाम पांच बजे तक हुआ मतदान पूरी तरह से शांतिपूर्ण रहा। जानकारी के मुताबिक इस चुनाव में 337 प्रत्याशियों समेत 19 महिलाएं चुनावी मैदान में हैं।  संदीप सक्सेना ने बताया कि मतदान के दौरान किसी तरह की हिंसा की खबर नहीं मिली। चुनाव के लिए की गई तैयरियों के बारे में उन्होंने कहा कि शराब और अन्य नशीले पदार्थों के इस्तेमाल को रोकने के लिए कड़े प्रबंध किए गए थे।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने बिलासपुर में परिवार सहित मतदान किया। उनके मुताबिक, मतदान को लेकर भाजपा में भारी जोश है। जनता इस बार कांग्रेस को उखाड़ फेंकेगी, जनता को कुशासन से मुक्ति मिलेगी। इसके अलावा कुछ स्थानों पर तकनीकी खराबियों का सामना करना पड़ा जिसके कारण वोटिंग थोड़ी देर से शुरू हुई। बता दें कि प्रेम कुमार धूमल, वीरभद्र सिंह और अनुराग ठाकुर के अलावा कई दलों के दिग्गज नेताओं ने अपने-अपने मत का प्रयोग किया। प्रेम कुमार धूमल ने अपने परिवार संग समीरपुर में वोट डाला। हिमाचल चुनाव का रिजल्ट 18 दिसंबर को आ जाएगा और हिमाचल की जनता को उसके विकास का भाग्य विधाता मिल जाएगा।

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