‘स्वच्छ भारत स्वस्थ भारत’, ये पीएम मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट है। वह देश के हर शहर को स्वच्छ बनाना चाहते हैं। इसी कड़ी में मोदी सरकार एक नई मुहिम की शुरूआत करने जा रही है। जिसके तहत 2018 से पहले देश के चुनिंदा 20 शहरों से कचरे का खात्मा करना ही केंद्र सरकार का लक्ष्य होगा।
दिल्ली में प्रदूषण का स्तर दिन प्रतिदिन गिरता जा रहा है, हालत ये है कि दिल्ली की ये फिजाएं दिल्लीवासियों के लिए जहरीली साबित हो रही हैं। जिसका प्रमुख कारण है, देश में प्रति व्यक्ति उत्पन्न होने वाले कचरे की मात्रा में हर साल 1.3 फीसदी की वृद्धि दर।
हर साल कचरे की मात्रा में हो रही ये वृद्धि दर मौत का सबब बनती जा रही है, जिसके बाद इस कचरे का खात्मा करना बेहद जरूरी हो गया है। इस मुहिम के जरिए सरकार ने कचरे की समस्या से मुक्ति दिलाने के लिए कचरा निस्तारण की चरणबद्ध मुहिम शुरू की है। जिसके पहले चरण में दिल्ली समेत 20 शहरों को 2018 से पहले हर हाल में कचरामुक्त बनाने का लक्ष्य तय किया गया है।
कैसे काम करेगी ये योजना ?
स्वच्छ भारत अभियान के तहत शोध संस्थान विज्ञान और पर्यावरण केंद्र यानी (सीएसई) ने शहरों में कचरे को उसके स्त्रोत स्थान पर ही निस्तारण करने की कार्य योजना तैयार की हैं। जिसके तहत कूड़ा जहां भी दिखता है उसे वही पर ही अलग-अलग करने का काम किया जाएगा। इस योजना में विभिन्न श्रेणी के कचरे को खत्म करने का अभियान स्थानीय निकायों के साथ मिलकर चलाया जाएगा। इसमें अलग-अलग किए गए ठोस कचरे को निस्तारण केंद्रों तक ले जाने में काम आने वाले उपयोगी संसाधन केंद्र सरकार द्वारा उपलब्ध कराएं जाएंगे।
इस योजना में आवासीय क्षेत्रो में कचरा अलग अलग करने के कड़े नियमों और प्रक्रिया का कठोरता से पालन कराने की जिम्मेदारी स्थानीय निकाय को सौंपी गई है। अभियान में शामिल सभी संबधित एंजेंसियों की अलग अलग जिम्मेदारियां तय कर दी गई है, सभी को अपनी तय की गई जिम्मेदारी के अनुसार ही काम करना है, ताकि ये काम समय से पूरा किया जा सके।
पर्यावरण मंत्री डॉ हर्षवर्धन 12 दिसंबर को स्थानीय संगठनों की मदद से शुरू की जाने वाले इस स्वच्छता अभियान को हरी झंडी दिखाएंगे। इस अभियान के पहले चरण में दिल्ली, पटना, गया, इंदौर, पुणे, गंगटोक और वाराणसी सहित 20 शहरों में कचरे का निस्तारण कार्य शुरू किया जाएगा।