1989 में हुआ था अपहरण… 33 साल बाद Rubaiya Sayeed ने की अपहरणकर्ता की पहचान, जानिए क्या है मामला?

8 दिसंबर 1989 को रूबिया सईद का अपहरण जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट के सदस्यों ने किया था। रूबिया मुफ्ती मोहम्मद सईद की बेटी हैं, जो जनता दल सरकार में भारत के गृह मंत्री थे।

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Rubaiya Sayeed
Rubaiya Sayeed

Rubaiya Sayeed: जम्मू -कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद की बेटी रूबिया सईद ने 1989 में हुए अपहरण के मामले में जेकेएलएफ चीफ यासीन मलिक की पहचान अपहरणकर्ता के रूप में की है। रूबिया ने अदालत में कहा कि 1989 में यासीन मलिक ने तीन लोगों के साथ मिलकर उसका अपहरण किया था। बता दें कि रूबिया की अपहरण के बाद पूरे देश में हड़कंप मच गया था। रूबिया को छुड़ाने के बदले पांच आतंकवादियों को रिहा किया गया था। सीबीआई ने मामले की जांच करते हुए मुख्यमंत्री की बेटी को गवाह बनाया था। वहीं इस मामले का मास्टरमाइंड यासीन इस वक्त टेरर फंडिंग के मामले में उम्रकैद की सजा काट रहा है।

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1989 kidnapping of Rubaiya Sayeed

Rubaiya Sayeed: क्या है मामला?

8 दिसंबर 1989 को रूबिया सईद का अपहरण जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट के सदस्यों ने किया था। रूबिया मुफ्ती मोहम्मद सईद की बेटी हैं, जो जनता दल सरकार में भारत के गृह मंत्री थे। अपहरणकर्ताओं ने रूबिया की रिहाई के बदले अपने पांच सदस्यों को रिहा करने की मांग की। मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने केंद्र सरकार के साथ समझौते में उनकी मांगों को स्वीकार कर लिया और जेल में बंद उग्रवादियों को मुक्त कर दिया। यासीन मलिक पर फिलहाल पांच आतंकियों के अपहरण और अदला-बदली का मुकदमा चल रहा है। रूबिया सईद ने 15 जुलाई 2022 को तस्वीरों के जरिए यासीन मलिक को सीबीआई स्पेशल कोर्ट में अपहरणकर्ता के रूप में पहचाना।

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1989 kidnapping of Rubaiya Sayeed

तिहाड़ जेल में सजा काट रहा है यासीन मलिक

गौरतलब है कि दिल्ली की तिहाड़ जेल में आतंकी फंडिंग के मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे 56 वर्षीय मलिक ने विशेष आतंकवादी और विघटनकारी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (टाडा) अदालत में पेश होने के लिए सरकार को पत्र लिखा है। टाडा अदालत में विशेष लोक अभियोजक वकील मोनिका कोहली ने कहा, “यासीन मलिक ने भारत सरकार को पत्र लिखकर उनसे जुड़े मामलों में व्यक्तिगत सुनवाई की मांग की है।

अदालत ने पिछले साल 11 जनवरी को अपहरण मामले में मलिक और नौ अन्य के खिलाफ आरोप तय करने का आदेश दिया था। अन्य नौ लोगों में अली मोहम्मद मीर, मोहम्मद जमां मीर, इकबाल अहमद गांड्रू, जावेद अहमद मीर, मोहम्मद रफीक पहलू उर्फ ​​नाना जी उर्फ ​​सलीम, मंजूर अहमद सोफी, वजाहत बशीर, मेहराज-उद-दीन शेख और शौकत अहमद बख्शी शामिल हैं। इस साल 26 मई को, दिल्ली की एक अदालत ने मलिक को दोषी ठहराए जाने के एक सप्ताह बाद आजीवन कारावास की सजा सुनाई।

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