Mann Ki Baat: 15 अगस्त से शुरू होगा ‘मेरी माटी मेरा देश’ अभियान… PM के ‘मन की बात’ कार्यक्रम की 10 बड़ी बातें

Mann Ki Baat: पीएम मोदी ने बारिश और बाढ़ से हुई तबाही पर सबसे पहले बात की। यहां जानिए पीएम के मन की बात कार्यक्रम की 10 बड़ी बातें…

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103rd episode of PM Modi Mann Ki Baat

Mann Ki Baat: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज (30 जुलाई) को अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ के 103वें एपिसोड को संबोधित किया। ‘मन की बात’ कार्यक्रम को आप ऑल इंडिया रेडियो, दूरदर्शन और पीएम मोदी के फेसबुक पेज पर भी सुन सकते हैं। इसके अलावा ऑल इंडिया रेडियो और पीएमओ के ट्विटर हैंडल पर भी इससे जुड़े अपडेट दिए जाते हैं।

आज मन की बात कार्यक्रम में पीएम मोदी ने बारिश और बाढ़ से हुई तबाही पर सबसे पहले बात की। पीएम मोदी ने कहा कि देश में बाढ़ से लोगों को तकलीफ उठानी पड़ी है। पहाड़ी इलाकों में लैंडस्लाइड की घटना भी हुईं। इन आपदाओं के बीच देशवासियों ने दिखाया कि सामूहिक प्रयासों की ताकत क्या होती है। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और आम जनता ने मिलकर काम किया और सामूहिक ताकत दिखाई। यहां जानिए पीएम के मन की बात कार्यक्रम की 10 बड़ी बातें…

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103rd episode of PM Modi Mann Ki Baat

Mann Ki Baat: ‘वृक्षारोपण’ और ‘जल संरक्षण’ के लिए ये जरुरी समय

पीएम ने कहा, “बारिश का ये समय ‘वृक्षारोपण’ और ‘जल संरक्षण’ के लिए जरुरी होता है। आजादी के ‘अमृत महोत्सव’ के दौरान बने 60 हजार से ज्यादा अमृत सरोवरों में भी रौनक बढ़ी है। अभी 50 हजार से ज्यादा अमृत सरोवरों को बनाने का काम चल भी रहा है। हमारे देशवासी पूरी जागरूकता और जिम्मेदारी के साथ ‘जल संरक्षण’ के लिए नए-नए प्रयास कर रहे हैं।”

Mann Ki Baat: ‘इस साल भी फहराएंगे हर घर तिरंगा’

पीएम मोदी ने कहा कि आजादी के 75 साल पूरे होने के अवसर पर हम सभी पूरे उत्साह से अमृत महोत्सव मना रहे हैं। हमें पिछले साल की तरह इस साल भी हर घर तिरंगा फहराना है। यह परंपरा आगे भी जारी रहेगी।

Mann Ki Baat: ‘अपनी विरासत को अंगीकार करें’

पीएम मोदी ने आगे कहा कि हम न केवल अपनी विरासत को अंगीकार करें, बल्कि, उसे जिम्मेदारी से साथ विश्व के सामने प्रस्तुत भी करें। और मुझे खुशी है कि ऐसा ही एक प्रयास इन दिनों उज्जैन में चल रहा है। यहां देशभर के 18 चित्रकार, पुराणों पर आधारित आकर्षक चित्रकथाएं बना रहे हैं। ये चित्र, बूंदी शैली, नाथद्वारा शैली, पहाड़ी शैली और अपभ्रंश शैली जैसी कई विशिष्ट शैलियों में बनेंगे। इन्हें उज्जैन के त्रिवेणी संग्रहालय में प्रदर्शित किया जाएगा, यानि कुछ समय बाद, जब आप उज्जैन जाएंगे, तो, महाकाल महालोक के साथ-साथ एक और दिव्य स्थान के आप दर्शन कर सकेंगे।

Mann Ki Baat: ‘मुस्लिम महिलाओं ने लिखे पत्र’ 

मन की बात कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने बताया कि उन्हें बड़ी संख्या में मुस्लिम महिलाओं के पत्र प्राप्त हुए हैं, जो हज करके लौटी महिलाओं ने उन्हें लिखे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि इन महिलाओं ने पुरुष सदस्यों या मेहरम के बिना हज यात्रा की। उनकी संख्या 50 या 100 नहीं है बल्कि 4000 है। यह एक बड़ा बदलाव है। पहले मुस्लिम महिलाओं को बिना मेहरम के हज यात्रा करने की अनुमति नहीं थी। पीएम ने इसके लिए सऊदी अरब सरकार को भी धन्यवाद दिया, जिन्होंने अकेले हज यात्रा पर जाने वाली महिलाओं की मदद के लिए महिला समन्वयकों की तैनाती की। 

Mann Ki Baat: ‘हर साल 10 करोड़ से भी ज्यादा पर्यटक पहुंच रहे काशी’

पीएम मोदी ने कहा, इस समय ‘सावन’ का पवित्र महीना चल रहा है। सदाशिव महादेव की साधना-आराधना के साथ ही ‘सावन’ हरियाली और खुशियों से जुड़ा होता है। इसलिए, ‘सावन’ का आध्यात्मिक के साथ ही सांस्कृतिक दृष्टिकोण से भी बहुत महत्व रहा है। सावन के झूले, सावन की मेहंदी, सावन के उत्सव – यानी ‘सावन’ का मतलब ही आनंद और उल्लास होता है। हमारे ये पर्व और परम्पराएं हमें गतिशील बनाते हैं। सावन में शिव आराधना के लिए कितने ही भक्त कांवड़ यात्रा पर निकलते हैं। ‘सावन’ की वजह से इन दिनों 12 ज्योतिर्लिंगों में भी खूब श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। आपको ये जानकार भी अच्छा लगेगा कि बनारस पहुंचने वाले लोगों की संख्या भी रिकॉर्ड तोड़ रही है। अब काशी में हर साल 10 करोड़ से भी ज्यादा पर्यटक पहुंच रहे हैं।

Mann Ki Baat: ‘जन-भागीदारी के साथ-साथ जन-जागरण के बड़े उदाहरण’

पीएम ने कहा, कुछ समय पहले मैं MP के शहडोल गया था। वहां मेरी मुलाकात पकरिया गांव के आदिवासी भाई-बहनों से हुई थी। वहीं पर मेरी उनसे प्रकृति और पानी को बचाने के लिए भी चर्चा हुई थी। अभी मुझे पता चला है कि पकरिया गांव के आदिवासी भाई-बहनों ने इसे लेकर काम भी शुरू कर दिया है। यहां प्रशासन की मदद से लोगों ने करीब सौ कुओं को वॉटर रिचार्ज सिस्टम में बदल दिया है। कुछ दिन पहले उत्तर प्रदेश में एक दिन में 30 करोड़ पेड़ लगाने का रिकॉर्ड बनाया गया है। इस अभियान की शुरुआत राज्य सरकार ने की। उसे पूरा, वहां के लोगों ने किया। ऐसे प्रयास जन-भागीदारी के साथ-साथ जन-जागरण के भी बड़े उदाहरण हैं। मैं चाहूंगा कि हम सब भी पेड़ लगाने और पानी बचाने के इन प्रयासों का हिस्सा बनें।

Mann Ki Baat: ‘यूपी में बना 30 करोड़ पेड़ लगाने का रिकॉर्ड’

पीएम मोदी ने कहा कि बारिश का पानी, अब इन कुओं में जाता है, और कुओं से ये पानी, जमीन के अंदर चला जाता है, इससे इलाके में भू-जल स्तर भी धीरे-धीरे सुधरेगा। अब सभी गांव वालों ने पूरे क्षेत्र के करीब-करीब 800 कुएं को रिचार्ज के लिए उपयोग में लाने का लक्ष्य बनाया है। इसी बीच हमने उत्तर प्रदेश में 30 करोड़ पेड़ लगाने का रिकॉर्ड बनाया।

Mann Ki Baat: ‘देश की भावी पीढ़ियों को ड्रग्स से दूर रखना होगा’

पीएम मोदी ने नशा मुक्ति पर भी अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि हमें देश की भावी पीढ़ियों को बचाना है, तो उन्हें ड्रग्स से दूर रखना ही होगा। इसी सोच के साथ, 15 अगस्त 2020 को ‘नशा मुक्त भारत अभियान’ की शुरुआत की गई थी। इस अभियान से 11 करोड़ से ज्यादा लोगों को जोड़ा गया है। दो हफ्ते पहले ही भारत ने ड्रग्स के खिलाफ बहुत बड़ी कारवाई की है। ड्रग्स की करीब डेढ़ लाख किलो की खेप को जब्त करने के बाद उसे नष्ट कर दिया गया है। भारत ने 10 लाख किलो ड्र्ग्स को नष्ट करने का अनोखा रेकॉर्ड भी बनाया है। इन Drugs की कीमत 12,000 करोड़ रुपये से भी ज्यादा थी।

Mann Ki Baat: पीएम मोदी ने फ्रेंच मूल की महिला का किया जिक्र

पीएम मोदी ने फ्रेंच मूल की एक महिला का जिक्र करते हुए कहा, “एक फ्रेंच मूल की महिला हैं – शारलोट शोपा। बीते दिनों जब मैं फ्रांस गया था तो इनसे मेरी मुलाकात हुई थी। शारलोट शोपा एक योग करने वाली हैं, योग टीचर हैं और उनकी उम्र 100 साल से भी ज्यादा है। वो सेंचुरी पार कर चुकी हैं। वो पिछले 40 साल से योग का अभ्यास कर रही हैं। वो अपने स्वास्थ्य और 100 साल की इस आयु का श्रेय योग को ही देती हैं। वो दुनिया में भारत के योग विज्ञान और इसकी ताकत का एक प्रमुख चेहरा बन गई हैं।”

Mann Ki Baat: पीएम ने सोशल मीडिया पर क्रेज के बारे में बताया

प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि कुछ दिन पहले सोशल मीडिया पर एक अद्भुत क्रेज दिखा। अमेरिका ने हमें सौ से ज्यादा दुर्लभ और प्राचीन कलाकृतियां वापस लौटाई हैं। इस खबर के सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर इन कलाकृतियों को लेकर खूब चर्चा हुई। युवाओं में अपनी विरासत के प्रति गर्व का भाव दिखा। भारत लौटीं ये कलाकृतियाँ ढाई हजार साल से लेकर ढाई सौ साल तक पुरानी हैं। आपको यह भी जानकर खुशी होगी कि इन दुर्लभ चीजों का नाता देश के अलग-अलग क्षेत्रों से है। ये Terracotta, Stone, Metal और लकड़ी के इस्तेमाल से बनाई गई हैं। इनमें से कुछ तो ऐसी हैं, जो आपको, आश्चर्य से भर देंगी। आप इन्हें देखेंगे, तो देखते ही रह जाएंगे।

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