रिलायंस कंपनी द्वारा जियो को बाजार में उतारने से मोबाइल जगत में क्रान्ति सी आ गई है। इसके बाजार में आने से जहां एक ओर कंपनी को लाखों उपभोक्ता मिले तो वहीँ दूसरी ओर जियों ने संवाद को भी बहुत सस्ता बना दिया है। जहां पहले लोगों को फोन पर बात करने के लिए अधिक पैसे खर्च करने पड़ते थे, तो वहीँ जियो के आ जाने से लोगों की जेब पर भी कम असर पड़ने लगा। हाल ही में सामने आई एक रिपोर्ट के मुताबिक़, कम दामों पर सेवा देने की वजह से उपभोक्ताओं को सालाना 10 अरब डॉलर की बचत हुई है। यही नहीं इससे देश का प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) 5.65 प्रतिशत बढ़ा है।

रिपोर्ट के मुताबिक, जियो ने कॉल दरों को शून्य और डेटा को सस्ता कर डिजिटल की दुनिया में अहम योगदान दिया है। इंटरनेट सस्ता होने की वजह से जनता इसे ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल में ला रही हैं, जिससे डिजिटल पेमेंट को भी सहयोग मिला है। प्रति जीबी डेटा की औसत कीमत इससे 152 रुपए से घटकर 10 रुपए पर आ गई। इससे देश की बड़ी आबादी तक इंटरनेट की पहुंच सुलभ हुई।

इंस्टिट्यूट आफ कम्पेटिटिवनेस (आईएफसी) की रिपोर्ट के अनुसार, ‘‘अगर बहुत कम कर भी आकलन किया जाए, तो जियो के प्रवेश से उपभाक्ताओं को सालाना 10 अरब डॉलर की बचत हुई है।’’ इसमें कहा गया है कि अर्थमितीय विश्लेषण से पता चलता है कि यदि अन्य चीजें स्थिर रहती हैं, तो व्यापक नेटवर्क की वजह से जियो के प्रवेश ने देश के सकल घरेलू उत्पाद में 5.65 प्रतिशत का योगदान दिया है

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