Environment Conservation: युवाओं और नौनिहालों ने पर्यावरण संरक्षण में दिया अनूठा योगदान, समुद्री तटों की सफाई के साथ किया कचरा प्रबंधन

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Environment Conservation: युवाओं और नौनिहालों ने पर्यावरण संरक्षण में दिया अनूठा योगदान, समुद्री तटों की सफाई के साथ किया कचरा प्रबंधन

Environment Conservation:वर्तमान समय में प्‍लास्‍टिक कचरा बड़ी समस्‍या बन चुका है।इससे निपटने के लिए विश्व पर्यावरण दिवस 2023 के मौके पर लोगों ने पर्यावरण संरक्षण के लिए कई गतिविधियों में भाग लिया।इस मौके पर मंगलुरु में भी प्‍लास्‍टिक अपशिष्‍ट प्रबंधन पर युवाओं ने काम किया। इस दौरान यहां के समुद्र तट की सफाई अभियान में बड़ी संख्‍या में युवाओं ने भाग लिया।

कोवेस्ट्रो (India) ने यूनाइटेड वे मुंबई और प्लास्टिक फिशर के सहयोग से इस प्रोजेक्‍ट पर काम किया गया।इस मौके पर पूरे शहर में चयनित वाटर बॉडी साइट और समुद्र तटों पर अपशिष्ट ट्रैपिंग, प्रभावी अपशिष्ट प्रबंधन और सामुदायिक जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन किया गया।
यहां के माउंट कार्मेल सेंट्रल स्कूल के करीब 51 छात्र वालंटियर्स ने समुद्र तट सफाई अभियान में बड़ा योगदान दिया। करीब 2 घंटे तक चले अभियान में सभी ने मिलकर काम किया। इस दौरान करीब 844 किलोग्राम प्‍लास्‍टिक कचरे का एकत्रीकरण किया गया।इसमें नॉन रिसाइकिल प्लास्टिक, पीयू फोम, ग्लास, जूते, पीईटी बोतल और समुद्र तट पर मिलने वाला कचरा शामिल था।एकत्रित कचरे को बड़ी ही सावधानी से कई श्रेणियों में अलग किया गया था।

इस दौरान वॉलंटियर्स को भी कई प्रकार के कचरे की जानकारी मिली।एकत्रित समुद्री कचरे को प्लास्टिक फिशर संशोधित करने, इसके उचित पुनर्चक्रण को सुनिश्चित भी किया जाएगा।

Sea beach Safai 2 min

Environment Conservation:हरित और स्‍वच्‍छ पर्यावरण पर जोर

Environment Conservation:कोवेस्ट्रो (India) के प्रबंध निदेशक – श्री आनंद श्रीनिवासन ने कहा कि प्लास्टिक कचरे को मूल्यवान संसाधनों में बदल दिया जाता है, जिससे आने वाली पीढ़ियों के लिए एक हरित और अधिक समृद्ध भविष्य का निर्माण होता है।वहीं

यूनाइटेड वे मुंबई के सीईओ जॉर्ज ऐकारा ने कहा, “हम इस परिवर्तनकारी पहल पर कोवेस्ट्रो (India) के साथ साझेदारी करके रोमांचित हैं।” “प्लास्टिक प्रदूषण हमारे पर्यावरण और हमारे महासागरों के स्वास्थ्य के लिए एक महत्वपूर्ण खतरा बन चुका है।प्लास्टिक फिशर इंडिया के निदेशक हरीश शेनॉय ने कहा कि परियोजना का पर्यावरण संरक्षण में काफी असर पड़ेगा।उन्‍होंने कहा, “नदियों को साफ करने और महासागरों को बचाने के लिए प्लास्टिक फिशर के मिशन के अनुरूप, हमने सहयोगी रूप से एक समग्र और स्थायी परियोजना विकसित की है।

इसके तहत समुद्री प्लास्टिक और जैव विविधता पर फोकस किया गया है।इस प्रोजेक्‍ट को पूरे भारत और दुनिया भर में दोहराया जाएगा। इस मौके पर मंगलुरु नगर निगम के मुख्य सचेतक प्रेमानंद शेट्टी ने कहा कि परियोजना बेहद महत्‍वपूर्ण है।”मंगलुरु सिटी कॉरपोरेशन को पर्यावरण और समुद्र तटों पर प्लास्टिक प्रदूषण को कम करने की पहल अच्‍छी है। उन्‍होंने कहा कि वे इस परियोजना का समर्थन करते हैं।

Environment Conservation:नदियों को प्रदूषण से बचाने को पहल

Environment Conservation: वर्तमान में पूरी दुनिया में नदियों और महासागरों में प्लास्टिक को प्रवेश करने से रोकना बेहद जरूरी हो गया है।मालूम हो कि प्‍लास्‍टिक फिशर संस्‍था अप्रैल 2023 में परियोजना की शुरुआत कर चुका है।संस्‍थान एक खास प्रकार की ट्रैशबूम तकनीक की मदद से काम करता है।

अब तक मंगलुर में बेंगरे और उल्लाल के समुद्र तटों सहित जल निकायों से करीब से 12,897 किलोग्राम कचरा एकत्र किया जा चुका है। यहां 3 ट्रैशबूम तैनात किए गए हैं, जो तैरते हुए प्लास्टिक को प्रभावी ढंग से पकड़ते हैं और नेत्रावती और गुरुपुरा नदियों में उनके प्रवाह को रोकते हैं।
इसके साथ ही जल्‍द ही 3 और ट्रैशबूम की तैनाती भी की जाएगी।एकत्रित कचरे में पुनर्चक्रण योग्य प्लास्टिक, जूते, पु फोम, स्टायरोफोम, कांच और धातु अपशिष्ट को अलग किया जाएगा। परियोजना का व्यापक उद्देश्य कम से कम 75,000 किलोग्राम ऐसे कचरे का संग्रह करना है।

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