कोई नहीं चाहता था ‘रामायण’ दूरदर्शन पर टेलीकास्ट हो, दो साल तक दफ्तरों के चक्कर काटते रहे Ramanand Sagar!

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रामानंद सागर ने 36 साल पहले पौराणिक सीरियल रामायण बनाकर इतिहास रच दिया था। रामानंद सागर का रामायण टीवी का मोस्ट सक्सेसफुल शो रहा है। इस शो ने 1987 में इस कदर लोकप्रियता हासिल की कि इसके सभी किरदारों को रियल लाइफ में भी राम-सीता कहकर पूजा जाने लगा। रामायण के सभी किरदारों को रियल लाइफ में भी लोगों ने बहुत प्यार के साथ सम्मान भी दिया है। क्या आप जानते हैं कि 80 के दशक में छोटे पर्दे पर तहलका मचाने वाले इस पौराणिक शो को दूरदर्शन पर टेलीकास्ट किए जाने पर रामानंद सागर को 2 साल तक सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगाने पड़े थे। सरकार और दूरदर्शन दोनों ही नहीं चाहते थे कि रामायण टीवी पर टेलीकास्ट हो, लेकिन मेकर्स ने हार नहीं मानी और कई सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटने के बाद टीवी पर पौराणिक सीरियल पेश किया।

सरकार और दूरदर्शन दोनो ने ‘रामायण’ को कर दिया था रिजेक्ट

रामानंद सागर के बेटे प्रेम सागर ने अपनी किताब ‘एन एपिक लाइफ: रामानंद सागर फ्रॉम बरसात टू रामायण’ में इस किस्से का जिक्र किया है। किताब में बताया गया है कि रामानंद सागर के लिए दूरदर्शन चैनल पर रामायण टेलीकास्ट कराना आसान नहीं था क्योंकि इसपर दूरदर्शन के सीनियर से लेकर सरकार तक ने रोक लगा दी थी।

दूरदर्शन और सरकार दोनो को करवाया था राजी

एक समय ऐसा आया कि रामानंद परेशान हो गए थे, एक तो उनका समय जा रहा था और ऊपर से पैसे भी खर्च हो रहे थे। उन्होंने इस प्रोजेक्ट को पास कराने के लिए काफी अपमान झेला है। लोगों ने ‘रामायण’ के डायलॉग्स का मजाक भी बनाया, उन्हें दफ्तर के बाहर घंटों खड़े रहना पड़ा। हालांकि, रामानंद हार मानने वालों में से नहीं थे और वह अपने इस सपने के लिए डटे रहे। उनकी मेहनत तब रंग लाई जब दूरदर्शन ने इस प्रोजेक्ट को पास किया था। लेकिन उनकी मुश्किल यहां कम नहीं हुई थी। उनके लिए अगली चुनौती सरकार को मनाना था। दो सालों तक रामानंद सागर सरकार और दूरदर्शन को मनाते रहे। दूरदर्शन माना और फिर सरकार को मनाया फिर एक घड़ी आई तब कही जाकर उनका सपना पूरा हुआ।

सुनील लहरी ने बताया था क्यों लगी थी ‘रामायण’पर रोक?

आदिपुरुष फिल्म की कंट्रोवर्सी के दौरान रामायण सीरियल में लक्ष्मण का किरदार निभाने वाले सुनील लहरी ने बताया था कि जिस तरह से Adipurush का विरोध किया जा रहा है। उसी तरह से रामायण का भी विरोध हुआ था। उन्होंने बताया कि मिनिस्ट्री की तरफ से शो में सीता के ब्लाउज पर आपत्ति जताई गई थी। कहा गया था कि माता सीता स्लीवलेस ब्लाउज नहीं पहन सकती। रामानंद सागर ने तब भी हार नहीं मानी और सीता के कॉस्ट्यूम पर दोबारा काम किया। उनका फुल स्लीव ब्लाउज बनवाया और उसी के हिसाब से साड़ी डिजाइन करवाई। तब जाकर शो को जनता के बीच लाया गया।

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