निर्भया गैंग रेप केस में सुप्रीम कोर्ट फैसला आ गया है। सुप्रीम कोर्ट ने दोषियों की फांसी की सजा को बरकरार रखा है। मुकेश, पवन, विनय शर्मा और अक्षय कुमार सिंह की अपीलों पर 27 मार्च को सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रखा था।  यह वही निर्भया काण्ड है जिसमे चलती बस में छः आरोपियों ने गैंगरेप की घटना को अंजाम दिया था। साथ ही लड़की और उसके दोस्त के साथ बर्बरतापूर्ण घटना को भी अंजाम दिया गया था। इसके घटना के बाद पूरे देश में लोग सड़कों पर उतर आये थे। इस घटना के कुछ दिन बाद सिंगापुर के एक अस्पताल में पीड़ित लड़की की मौत हो गयी थी। जबकि लड़की का फिजियोथेरेपिस्ट दोस्त बच गया था।

यह घटना 16 दिसंबर, 2012 को तब हुई थी जब निर्भया शाम को साकेत स्थित सेलेक्ट सिटी मॉल में ‘लाइफ ऑफ पाई’ मूवी देखने के बाद 23 वर्षीय फीजियोथेरेपिस्ट दोस्त के साथ रात 9 बजे ऑटो से मुनिरका पहुंची थी। वहां स्टैंड के पास खड़े होकर दोनों बस का इंतजार कर रहे थे। इसी दौरान एक प्राइवेट बस में सवार आरोपियों ने इन्हें बस में बिठा लिया और घिनौनी वारदात को अंजाम दिया था। आरोपियों ने 20 किलोमीटर तक वारदात को अंजाम देने के बाद निर्भय और उसके दोस्त को निर्वस्त्र और घायल अवस्था में सड़क किनारे फेंक दिया था।

जानें निर्भया काण्ड से जुड़ी हर बात,तारीख के साथ-

16 दिसंबर 2012- दिल्ली के मुनिरका में छह लोगों ने एक बस में पैरामेडिकल छात्रा से गैंगरेप  किया। घटना के बाद युवती और उसके दोस्त को चलती बस से बाहर फेंक दिया गया गया।

18 दिसंबर 2012- राम सिंह, मुकेश, विनय शर्मा और पवन गुप्ता को इस मामले में गिरफ़्तार किया गया।

21 दिसंबर 2012- एक नाबालिग को दिल्ली से और छठे अभियुक्त अक्षय ठाकुर को बिहार से गिरफ़्तार किया गया।

29 दिसंबर 2012- पीड़िता ने सिंगापुर के एक अस्पताल में दम तोड़ा।

3 जनवरी  2013- पुलिस ने पांच बालिग अभियुक्तों के ख़िलाफ़ हत्या, गैंगरेप, हत्या की कोशिश, अपहरण, डकैती आदि आरोपों के तहत चार्जशीट दाख़िल की।

17 जनवरी 2013- फ़ास्ट ट्रैक अदालत ने पांचों अभियुक्तों पर आरोप तय किए।

11 मार्च 2013- मामले में एक अभियुक्त राम सिंह ने तिहाड़ जेल में आत्महत्या की।

31 अक्टूबर 2013- जुवेनाइल बोर्ड ने नाबालिग को गैंगरेप और हत्या का दोषी माना और उसे प्रोबेशन होम में तीन साल गुज़ारने का फ़ैसला सुनाया।

10 सितंबर  2013- फ़ास्ट ट्रैक अदालत ने चार अन्य आरोपियों को 13 अपराधों के लिए दोषी ठहराया।

13 सितंबर 2013- मुकेश, विनय, पवन और अक्षय को फांसी की सजा सुनाई गई।

13 मार्च  2014- दिल्ली हाई कोर्ट ने चारों दोषियों की मौत की सज़ा को बरक़रार रखा।

2014 से 2016- दोषियों ने फ़ांसी की सज़ा को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी और शीर्ष अदालत इस पर सुनवाई कर रही थी।आज इसी मामले में सजा को बरक़रार रखा गया है।

गौरतलब है कि सुनवाई के दौरान कोर्ट में निर्भया के माता पिता भी मौजूद थे।  उन्होंने फैसले पर संतोष जताया है।  उन्होंने कहा कि आरोपियों को फंसी की सजा बरक़रार रखने से न्याय मिला है।  इससे पहले हुई सुनवाई में कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।  आज दोपहर बाद आये फैसले में कोर्ट ने आरोपियों पर कई सख्त टिप्पणियां भी की हैं। कोर्ट ने अपने फैसले में फांसी की सजा बरकरार रखते हुए कहा कि निर्भया कांड सदमे की सुनामी थी। बताया जा रहा है कि तीनों जजों ने जैसे ही पूरा फैसला सुनाया लोगों ने कोर्ट में तालियां बजाईं।

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