बुधवार को जारी हुए देश के सकल घरेलू उत्पाद की दर में पिछले वित्त वर्ष के मुकाबले गिरावट दर्ज की गई है। 2015-16 में जहां जीडीपी ग्रोथ दर 7.9 फीसदी थी और भारत दुनिया में सबसे तेजी से ग्रोथ करने वाला देश माना जाता था लेकिन जनवरी-मार्च तिमाही में यह ग्रोथ दर घटकर 6.1 फीसदी ही रह गई थी। देश की जीडीपी ग्रोथ में आई भारी गिरावट का कारण बताते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि जीडीपी में गिरावट आने का कारण दुनिया भर में हुई आर्थिक मंदी है। जेटली ने कहा कि देश की जीडीपी ग्रोथ पर वैश्विक आर्थिक परिस्थितियों का असर पड़ा है और वैश्विक परिदृश्य के मद्देनजर देश की वर्तमान जीडीपी वृद्धि दर जो कि 7.1 फीसदी है वो बहुत अच्छी है।

Reasons for a decline in GDP, No note bandi, Economic slowdown - Arun Jaitleyअरुण जेटली ने मोदी सरकार के पिछले तीन साल का लेखा-जोखा बताते हुए कहा कि पहले भारतीय बाजार का स्तर दुनियाभर में कम था अब दुनिया के अनेकों देश भारत में निवेश करना चाहते हैं। वित्त मंत्री ने कहा कि देश की खराब अर्थव्यवस्था हमें विरासत में मिली है। उन्होंने कहा तीन साल पहले तक विदेशी निवेशकों को भारत की अर्थव्यवस्था में विश्वास नहीं था हमने इस मानसिकता को बदला है और अब विदेशी निवेशक फिर से भारतीय बाजारों की ओर रुख कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि हमने पिछले तीन वर्षों में कई कठोर निर्णय लिए हैं नोटबंदी उनमें से एक था। जेटली ने कहा कि भ्रष्टाचार रोकने के लिए नोटबंदी एक बड़ा कदम था। उन्होंने कहा नोटबंदी के तीन फायदे हुए पहला नोटबंदी की वजह से लोग कैश ट्रांजैक्शन से परहेज करने लगे हैं और डिजिटाइजेशन में इजाफा हुआ है। दूसरा, टैक्स देने वालों की तादाद लगातार बढ़ रही है और तीसरा, काले धन की सामानांतर अर्थव्यवस्था खत्म हुई है।’ वहीं जीएसटी पर पूछे गए सवाल पर वित्त मंत्री ने कहा कि जीएसटी लागू होने से टैक्स कम होंगे और खपत बढ़ेगी। उन्होंने कहा GST से अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक प्रभाव पड़ने की किसी तरह की आशंका निराधार है।

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