नोटबंदी पर जहां हर तरफ मोदी सरकार वाह वाही लूट रही थी वहीं अब नोबेल पुरस्कार विजेता रिचर्ड थेलर का कहना है कि नोटबंदी की योजना अच्छी थी लेकिन उसमें कई तरह की चूक हुई। थेलर का कहना है कि 2000 रुपए की करेंसी लाने की योजना समझ नहीं आया। इससे देश से काला धन खत्म करना और देश को कम नकदी वाली अर्थव्यवस्था बनाने सरीखे उद्देश्य मुश्किल हो गए।

बता दें कि थेलर ने ऐसा कागो विश्वविद्यालय के छात्र स्वराज कुमार के एक सवाल के जवाब में कहा है। नोटबंदी से जुड़े एक सवाल का जवाब देते हुए थेलर ने कहा कि करप्शन मिटाने का यह कॉन्सेप्ट अच्छा था लेकिन इसको लागू करने में बड़ी चूक हुई। उन्होंने जवाब में लिखा है कि 2000 रुपए के नए नोट जारी किए जाने से पूरी प्रक्रिया गड़बड़ हो गई।

8 नवंबर को राष्ट्र के नाम संबोधन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नोटबंदी का ऐलान किया था तो थेलर ने ट्वीट कर कहा था कि वो इस कदम के शुरू से पक्षधर थे हालांकि बाद में उन्होंने इस पर अफसोस जाहिर किया था कि 2000 रुपए की करेंसी जारी की गई। शिकागो यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर रिचर्ड थेलर को इस साल 2017 में ही अर्थशास्त्र का नोबेल दिया गया है। यह पुरस्कार व्यावहारिक अर्थशास्त्र के क्षेत्र में उनके महत्वपूर्ण योगदान के लिए दिया गया।
गौरतलब है कि स्वराज कुमार शिकागो यूनिवर्सिटी के छात्र  हैं और उन्होंने ट्विटर पर थेलर के साथ ई-मेल पर हुई बातचीत साझा की है। स्वराज के ट्वीट को थेलर ने रीट्वीट भी किया। यूं तो मोदी सरकार को नोटबंदी पर बहुत लोगों से वाहवाही मिली है पर ज्यादातर बड़े अर्थशास्त्रियों ने इसे गलत ही बताया है। चाहे अम्रतसेन हो या मनमोहन सिंह या पूर्व आरबीआई गवर्नर रघु राम राजन सभी ने इस फैसले को जल्दीबाजी में उठाया गया गलत फैसला बताया है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here