पुराने गहने और पुराने वाहनों की बिक्री पर किसी भी तरह का जीएसटी नहीं लगेगा। राजस्व विभाग ने स्पष्ट किया कि चूंकि यह बिक्री किसी व्यवसाय को आगे बढ़ाने के लिए नहीं की जाती है, इसलिए इन पर जीएसटी लगाने का कोई तुक नहीं बनता। वित्त मंत्रालय ने भी स्पष्ट किया कि जब भी कोई आम आदमी अपनी पुरानी ज्‍वैलरी और कार बेचेगा, तो उस पर उसे और खरीददार दोनों को जीएसटी के तहत किसी भी तरह का रिवर्स चार्ज नहीं देना होगा।

वित्त मंत्रालय ने कहा, जीएसटी. कानून के सेक्‍शन 9 के तहत जब भी कोई अनरजिस्‍टर्ड सप्‍लायर यानि आम आदमी, किसी रजिस्‍टर्ड व्‍यक्ति यानि ज्‍वैलरी या व्यापारी को कोई वस्तु बेचता है, तो आम आदमी को इसके लिए कोई टैक्‍स नहीं देना होगा। ऐसे लेन-देन में रिवर्स चार्ज मैकेनिज्म (आरसीएम) के तहत 3 % टैक्‍स रजिस्‍टर्ड व्‍यक्ति के जरिए ही भरा जाएगा।

लेकिन गुरुवार को केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने स्थिति को और स्पष्ट करते हुए कहा कि रिवर्स चार्ज मैकेनिज्म उस स्थिति में लागू नहीं होगा जब कोई इंडीविजुअल अपने पुराने गहने को ज्वैलर्स को बेचेगा। इस स्पष्टीकरण का मतलब यह है कि जब ज्वैलर्स किसी इंडीविजुअल की ओर से पुराना सोना खरीदेंगे तो आरसीएम के तहत जीएसटी का भुगतान करने के लिए वह जिम्मेदार नहीं होंगे। जेटली ने यह भी कहा कि यह स्थिति पुराना वाहन बेचने और खरीदने वालों पर भी लागू होगी।

यहां एक और बात समझने की जरुरत है, अगर आप अपने पुराने डिजाइन के गहने को ज्वैलर्स को देते हैं और वह नए डिजाइन के गहने बनाकर देता है तो ग्राहक को  मेकिंग चार्ज पर 18 फीसदी की दर से जीएसटी देना होगा। तब सोने की कीमत पर अलग से कोई जीएसटी नहीं लगेगा।

गौरतलब है कि 1 जुलाई से देशभर में जीएसटी को लागू किए जाने के बाद कई लोग इस बात को लेकर चिंतित हो गए थे कि उन्हें अपने पुराने गहने और कारों पर लेनदेन के लिए भी 3 फीसद जीएसटी देना पड़ेगा। इसका अर्थ यह था की अगर आप अपना पुराना गहना ज्वैलर्स को बेचते हैं तो वो उस पर वह जीएसटी काटकर आपको भुगतान करेगा।

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