गैस चेंबर बने Delhi-NCR में कंस्ट्रक्शन पर लगा बैन, जानिए प्रोजेक्ट्स में देरी क्यों बढ़ा रही डेवलपर्स की चिंता…

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Pollution: राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में हवा की गुणवत्ता ‘गंभीर’ स्तर तक खराब होने के साथ, वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRP) के तीसरे चरण को लागू कर दिया है जिसमें दिल्ली-एनसीआर में सभी गैर-जरूरी निर्माण और तोड़फोड़ गतिविधियों पर प्रतिबंध शामिल है। इस कदम को लेकर दिल्ली एनसीआर के डेवलपर्स ने कहा है कि इस प्रतिबंध से प्रोजेक्ट्स की डिलीवरी में देरी होगी और बिल्डरों के साथ-साथ घर खरीदनों वालों पर भी असर पड़ेगा।

इसकी वजह यह है कि कंस्ट्रक्शन पर एक महीने का प्रतिबंध औसतन एक प्रोजेक्ट्स में कम से कम दो से तीन महीने की देरी करता है। डेवलपर्स का कहना है इन अधिकारियों को वायु प्रदूषण नियमों को लागू करते समय मामले-दर-मामले दृष्टिकोण अपनाना चाहिए और वाहनों के उत्सर्जन और सड़क के किनारे की धूल को नियंत्रित करना चाहिए, जो प्रदूषण के मुख्य स्रोत हैं।

2 नवंबर, 2023 को शाम 5 बजे दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 402 था। गैर-आवश्यक निर्माण और विध्वंस गतिविधियों पर प्रतिबंध के अलावा, जीआरएपी-3 में दिल्ली के बाहर पंजीकृत डीजल हल्के वाणिज्यिक वाहनों (एलसीवी), ट्रकों और मध्यम और भारी माल वाहनों (आवश्यक सेवाओं के प्रावधान में शामिल लोगों को छोड़कर) के प्रवेश पर प्रतिबंध भी शामिल है।

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Delhi-NCR Pollution

प्रदूषण के चार चरणों पर निर्भर करता है GRAP एक्शन

चरण I – ‘खराब’ (AQI 201-300)

स्टेज II – ‘बहुत खराब’ (AQI 301-400)

स्टेज III – ‘गंभीर’ (AQI 401-450)

स्टेज IV – ‘गंभीर प्लस’ (AQI 450 से ऊपर)

Pollution: रियल एस्टेट पर पडे़गा असर

कन्फेडरेशन ऑफ रियल एस्टेट डेवलपर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (क्रेडाई)-नेशनल के अध्यक्ष, मनोज गौड़ ने कहा कि रियल एस्टेट क्षेत्र बढ़ते प्रदूषण को रोकने के लिए अधिकारियों के प्रयासों का पूरा समर्थन करता है, लेकिन इसमें कुछ आपत्तियां भी हैं। उन्होंने कहा, एक महीने के कंस्ट्रक्शन बैन से परियोजना पूरी होने में कम से कम दो से तीन महीने की देरी होगी। रियल एस्टेट सेक्टर इस कदम से चिंतित है क्योंकि प्रोजेक्ट कॉस्ट में वृद्धि हो सकती है और कंस्ट्रक्शन श्रमिकों की आजीविका प्रभावित हो सकती है। उन्होंने कहा कि इन चुनौतियों के बावजूद डेवलपर्स प्रदूषण को कम करने के लिए नियमित रूप से पानी छिड़कने और एंटी-स्मॉग मशीनें लगाने जैसे उपाय सक्रिय रूप से करते हैं।

काउंटी ग्रुप के डायरेक्टर अमित मोदी ने कहा, GRAP-III लागू होने के बाद कंस्ट्रक्शन पर बुरा असर पड़ता है। इसके कारण कंस्ट्रक्शन का कार्य शुरू नहीं हो पाता है। काउंटी ग्रुप के डायरेक्टर अमित मोदी ने कहा, GRAP-III लागू होने के बाद निश्चित रूप से कंस्ट्रक्शन पर बुरा असर पड़ेगा और विकास की गति धीमी हो जाएगी। पहले से ही देरी से चल रही रेजिडेंस प्रोजेक्ट्स में और देरी होगी। CAQM को ग्रैप 3 के अन्तर्गत निर्माण कार्यों को लेकर रियायत देनी चाहिए।

मिगसन के मैनेजिंग डायरेक्टर यश मिगलानी ने कहा, “हम पहले से ही अपनी कंस्ट्रक्शन गतिविधियों से प्रदूषण को कम करने के संभावित तरीकों का पालन कर रहे हैं, जिसमें एंटी स्मोक गन्स, छिड़काव तंत्र, ग्रीन नेट्स शामिल हैं। सरकार द्वारा जारी किए गए ऐसे आदेशों से न केवल मजदूरों की दैनिक मजदूरी पर असर पड़ेगा, बल्कि प्रोजेक्ट्स की समय सीमा भी पटरी से उतर सकती है और देरी हो सकती है।”

एसकेए ग्रुप के डायरेक्टर संजय शर्मा का कहना है, “एयर क्वालिटी को नियंत्रण में लाने के लिए इस तरह के प्रतिबंधों की आवश्यकता है, लेकिन इससे पहले से ही देरी से चल रही रेजिडेंस प्रोजेक्ट्स में और देरी होगी। कोविड के बाद होम बॉयर्स भी चाहते हैं कि उन्हें समय पर डिलिवरी मिले, लेकिन कंस्ट्रक्शन प्रतिबंध से प्रोजेक्ट्स पर असर पड़ना तय है। दुर्भाग्यपूर्ण बात यह है कि हर साल सरकार प्रदूषण के स्तर को कम करने की प्रतिबद्धता जताती है, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकलता।”

ओमैक्स ग्रुप के एमडी मोहित गोयल ने कहा, “दिल्ली-एनसीआर प्रदूषण से भरा हुआ है और कंस्ट्रक्शन बैन सरकार द्वारा बिगड़ती हवा की गुणवत्ता से निपटने के लिए एक कदम के रूप में उभरा है। यदि पर्यावरण संरक्षण के लिहाज से देखें तो यह समय की जरूरत है। रियल एस्टेट सेक्टर के लिए यह कदम एक चुनौती पैदा करेगा क्योंकि महीने भर के प्रतिबंध के कारण चल रही परियोजनाओं की डिलीवरी में देरी होगी। हालांकि, हम उन एक्टिविटीज को जारी रखने की कोशिश करेंगे जो पर्यावरण को नुकसान नहीं पहुंचाता है। यह केवल सरकार के दिशानिर्देशों का पालन करके किया जाएगा, लेकिन काफी बड़े बैकलॉग से बचने के लिए अधिक से अधिक कार्यों के पूरा होने को सुनिश्चित करना होगा।”

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