Income Tax News: 60,000 लोगों ने IT को दी अपने खातों की जानकारी

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Income Tax Department

Income Tax News: इन दिनों भ्रष्टाचार और काले-धन के खिलाफ केंद्र सरकार और आयकर विभाग दोनों काफी सख्त हो गए हैं। नोटबंदी का फैसला आने के बाद बहुत सारे लोगों ने अपने बैंक खातों में बड़ी रकम जमा कराई थी। जिसकी वजह से आयकर विभाग ने ऐसे 18 लाख लोगों से जबाव मांगा था। ताजा जानकारी के अनुसार इन 18 लाख लोगों में से करीब 2 लाख लोगों ने इनकम टैक्स की वेबसाइट पर लॉग इन किया है। सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज (CBDT) के अध्यक्ष सुशील चंद्रा ने बताया कि करीब 60,000 हज़ार लोगों ने आयकर विभाग की वेबसाइट पर जबाव दिया है। इनमें से कुछ लोगों ने टैक्स का भुगतान करने में सहमति भी जताई है। सुशील चंद्रा ने बताया कि लोगों से उनके अकाउंट की जानकारी सिर्फ वेरिफिकेशन और स्पष्टीकरण के लिए मांगी गई है। इसमें ईमानदार टैक्स पेयर को चिंता करने की कोई जरुरत नहीं है।

सीबीडीटी के अध्यक्ष ने लोगों का धन्यवाद करते हुए कहा कि हाल के दिनों में आयकर विभाग कर भुगतान करने वालों से ज्यादा फ्रेंडली हुआ है। उन्होंने कहा कि पहले आयकर विभाग को हर केस की स्क्रूटनी करनी पड़ती थी।, जबकि मेरे या किसी के पास स्क्रूटनी के केसों को चुनने का अधिकार नहीं है लेकिन फिर भी अब हमें 1% से भी कम मामलों में स्क्रूटनी की जरूरत पड़ती है।

चंद्रा ने कहा कि नोटबंदी के मक्सद काले धन का खुलासा करना था। हम इस फैसले की वजह से लोगों में कोई डर पैदा करना नही चाहते हैं और ईमानदार टैक्सपेयरों को तो डरने की बिल्कुल जरूरत नहीं हैं। हम सिर्फ वेबसाइट के जरिए नोटबंदी के दौरान लोगों के खातों में हुए लेन-देन की जानकारी लेना चाहते हैं। आयकर विभाग बैंक अकाउंट और जमा की गयी राशि और कैश के साधन के बारे में जानना चाहता है। इसके लिए कई तरह के तैयार विकल्प भी दिए गए हैं। इन विकल्पों की मदद से लोग आसानी से पूछी गई जानकारी का जबाव घर बैठे दे सकते है। अगर दिए गए विल्कपों में आपका उचित स्पष्टीकरण नज़र नहीं आ रहा तो अन्य के विक्लप में जा कर लोग अपना स्पष्टीकरण लिख सकते हैं।

लोगों द्वारा दिए गए जबाव से अगर डिपार्टमेंट संतुष्ट नहीं है, तो वह स्पष्टीकरण का और मौका दे सकता है। ऐसे लोगों के पास 31 मार्च से पहले प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना (पीएमजीकेवाई) का फायदा उठाने का अवसर होगा। चंद्रा ने यह भी साफ किया कि अब तक इस मामले में किसी को भी कोई नोटिस नहीं भेजा गया है।

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