भारत में महादेवी के दुर्गा रुप की आराधना शारदीय नवरात्रों में होती है। शारदीय नवरात्र आमतौर पर सितंबर-अक्तूबर के महीनों में पड़ता है, जब मीठी मीठी सर्दियां शुरु हो रही होती हैं। इस बार  नवरात्र 17 अक्टूबर से शुरु होने जा रहा है।

हालांकि हर साल ये पितृपतक्ष के समाप्त होने के अगले दिन से ही शुरु हो जाता है लेकिन इस बार मलमास ने पितृपक्ष और नवरात्र के बीच करीब एक महीने का अंतर कर दिया। ऐसे में अब मां के आगमन में करीब एक महीने का समय बचा हुआ है।

Bhagwati Durga

सभी जानते हैं कि हिंदू धर्म में नवरात्रि के अपना कितना खास महत्व है, नौ दिनों तक मां के अलग-अलग रुपों की पूजा बेहद धूम-धाम औऱ प्यार से की जाती है।

नवरात्रि के पहले दिन घट स्थापना के साथ ही मां की पूजा शुरु हो जाती है और हर पंडालों में मा दुर्गा की प्रतिमा स्थापित कर दी जाती है।

प्रत्येक साल मां दुर्गा शारदीय नवरात्रों में अलग अलग सवारी से धरती पर पधारती हैं। ज्योतिषशास्त्र और देवीभागवत पुराण की कथाओं के अनुसार मां दुर्गा का आगमन आने वाले भविष्य की घटनाओं के बारे में हमें संकेत देता है।

आइए जानते हैं कि देवी इस बार आखिर कौन सी सवारी से मां दुर्गा इस बार पृथ्वी पर आ रही हैं और इसके क्या प्रभाव पड़ेंगे।

देवीभागवत पुराण में इस बात का जिक्र है कि पृथ्वी पर देवी का आगमन दिन के अनुसार अलग-अलग वाहनों से होगा।  माना जाता है कि अगर नवरात्र  के पवित्र दिन की शुरुआत सोमवार या रविवार को हो रही है तो इसका मतलब मां दुर्गा हाथी पर सवार हो कर आएंगी। शनिवार या फिर मंगलवार को कलश स्थापना हो रही है तो मां घोड़े पर सवार हो कर आती है। गुरुवार या शुक्रवार को नवरात्र का आरंभ हो रहा हो तब माता डोली पर आती हैं। बुधवार के दिन मां नाव को अपना सवारी बनाती हैं।

Maa Dugra

इस बार दुर्गा पूजा और नवरात्र की शुरूआत शनिवार से हो रही है ऐसे में मां घोड़े को अपना वाहन बनाकर धरती पर आएगी। मां का घोड़े की सवारी के साथ आने के संकेत अच्छे नहीं है। मां का घोड़े पर सवार होने का आना पड़ोसी देशों से युद्ध, सत्ता में उथल-पुथल, रोग और शोक का प्रतीक माना जाता है।

लेकिन आप चिंता ना करें सच्चे दिल की भक्ति को मां कभी अनसुना नहीं करती। आप पूरे हृदय से मां की आराधना की तैयारी कीजिए। मां अपने भक्तों के सारे कष्टों को हर लेती हैं।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here