Tata के पास 68 साल बाद वापस आया Air India, बोले रतन टाटा- Welcome back, Air India

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Tata Sons ने राष्ट्रीय वाहक Air India के अधिग्रहण की बोली स्पाइसजेट लिमिटेड एयरलाइन ऑपरेटर (SpiceJet Limited Airline Operator) के प्रमोटर अजय सिंह को पछाड़ते हुए जीत ली है। एयर इंडिया की बोली टाटा ने 18,000 करोड़ रूपए में जीती है। 68 साल बाद टाटा संस के पास एयर इंडिया वापस आ गया है।

कुछ दिन पहले यह भी दावा किया गया था कि मंत्रियों के एक पैनल ने भारत की स्पाइसजेट लिमिटेड एयरलाइन ऑपरेटर (SpiceJet Limited Airline Operator) के प्रमोटर अजय सिंह के प्रस्ताव से पहले नमक से लेकर सॉफ्टवेयर बनाने वाले टाटा समूह के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया था।

दिसंबर तक पूरी तरह से मिलेगा एयर इंडिया

टाटा संस को एयर इंडिया का पूरा हैंडओवर दिसंबर 2021 के आसपास मिल जाएगा। DIPAM सचिव ने कहा कि इस साल दिसंबर तक सरकार विचार करेगी और शेयरों को टाटा संस को हस्तांतरित कर दिया जाएगा। टाटा को घरेलू हवाई अड्डों पर 4,400 घरेलू और 1,800 अंतरराष्ट्रीय लैंडिंग और पार्किंग स्लॉट के साथ-साथ विदेशों में हवाई अड्डों पर 900 स्लॉट का नियंत्रण मिलेगा।

DIPAM के सचिव ने बताया कि टाटा संस वर्तमान में एयर इंडिया की खाते में कुल कर्ज का 15,000 करोड़ रुपये लेगी। इसके बाद एयर इंडिया पर 46,262 करोड़ रुपये का कर्ज हो जाएगा, जिसे एआईएएचएल अपने ऊपर ले लेगी।

टाटा के लिए भावुक पल

एयर इंडिया के अधिग्रहण की बोली जीतने के बाद Ratan Tata ने एयर इंडिया का स्‍वागत करते हुए इसे बहुत अच्‍छा समाचार बताया। उन्‍होंने कहा कि जे आर डी टाटा के समय जिस तरह की एयर इंडिया की छवि थी वैसी ही छवि बनाने का हमारे पास मौका है।

पिछले महीने बोली लगाई थी

टाटा समूह और स्पाइसजेट के अध्यक्ष अजय सिंह (Ajay Singh) ने इस महीने की शुरुआत में सरकारी कंपनी एयर इंडिया के लिए बोली लगाई थी। दिसंबर 2020 में, सरकार ने एयर इंडिया के विनिवेश में रुचि दिखाई थी। अधिकारियों के अनुसार सरकार को Air India को चलाने के लिए हर दिन लगभग 20 करोड़ का नुकसान होता है, जिससे अभी तक सरकार को 70,000 करोड़ से अधिक का नुकसान हुआ है।

1932 में जेआरडी टाटा ने शुरूआत की थी

भारत के पहले लाइसेंस प्राप्त पायलट द्वारा स्थापित एयर इंडिया की स्थापना 1932 में जेआरडी टाटा द्वारा टाटा एयरलाइंस के रूप में की गई थी। जहांगीर रतनजी दादाभाई टाटा भारत में पहले लाइसेंस प्राप्त पायलट थे। जेआरडी टाटा ने 2 लाख करोड़ रुपये के शुरुआती निवेश के साथ एयर इंडिया की शुरुआत की थी, जिसे तब टाटा एयरलाइंस के नाम से जाना जाता था। कंपनी द्वारा खरीदे गए पहले विमान दो सेकेंड-हैंड डी हैविलैंड पुस मॉथ थे। इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार, 1932 की शरद ऋतु में, उद्घाटन उड़ान में, टाटा ने खुद कराची से बॉम्बे के लिए 25 किलोग्राम मेल ले जाने वाले एकल इंजन वाले विमान का संचालन किया था।

यह भी पढ़ें : TATA के Air India खरीदने वाली खबर को सरकार ने गलत बताया

https://www.youtube.com/watch?v=cGRJZAgPkro

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