Nadav Lapid: इज़राइली फिल्म मेकर नादव लैपिड भारत में सोमवार (28 नवंबर) से ही सुर्खियां बटोर रहे हैं। विवेक अग्नहोत्री की फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ की आलोचना करने के बाद इजरायली फिल्म मेकर नादव चर्चा के केंद्र में आ गए हैं। नादव लैपिड सोमवार को ‘द कश्मीर फाइल्स‘ पर जमकर बरसे। गोवा में आयोजित 53वें फिल्म फेस्टिवल समारोह में उन्होंने विवेक अग्निहोत्री फिल्म को ‘वल्गर प्रोपेगेंडा’ बताया। उन्होंने फिल्म को लेकर कहा कि यह सिर्फ एक ‘प्रोपगेंडा’ है। आइए भारत के अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (IFFI) के 53वें संस्करण में बयान देने वाले जूरी हेड लैपिड कौन हैं? जानते हैं:
इजरायल के तेल अवीव में जन्मे नादव लैपिड को सिनोनिम्स (2019), द किंडरगार्टन टीचर (2014) और पुलिसमैन (2011) के लिए जाना जाता है। फिल्म मेकर 2015 के लोकार्नो फिल्म फेस्टिवल में गोल्डन लेपर्ड जूरी के सदस्य, 2016 के कान्स फिल्म फेस्टिवल में इंटरनेशनल क्रिटिक्स वीक जूरी के सदस्य और 71वें बर्लिन इंटरनेशनल फिल्म में जूरी के सदस्य रहे हैं।
कौन हैं Nadav Lapid?
नादव लैपिड ने तेल अवीव यूनिवर्सिटी से दर्शनशास्त्र की पढ़ाई की है। वह इजरायल की सेना में भी रह चुके हैं। सैन्य सेवा के बाद वह पेरिस चले गए थे। बाद में इजरायल लौटने के बाद उन्होंने यरुशलम में सैम स्पीगल फिल्म एंड टेलीविजन स्कूल से डिग्री ली।
‘शिमरोन फिल्म फंड’ के विरोध में थे शामिल
47 वर्षीय इजरायली फिल्म मेकर अपनी मातृभूमि के साथ अपने प्रेम संबंधों के लिए जाने जाते हैं। शिमरोन फिल्म फंड के लॉन्च के विरोध में एक खुले पत्र पर हस्ताक्षर करने वाले 250 इज़राइली फिल्म मेकर्स के ग्रुप में भी शामिल थे लैपिड। लैपिड ने अपने एक इंटरव्यू में अपनी फिल्म ‘सिनोनिम्स’ के बारे में बात करते हुए कहा था कि ‘इजरायल की सामूहिक आत्मा एक बीमार आत्मा है।’
उन्होंने टोरंटो स्थित नाउ पत्रिका में प्रकाशित एक साक्षात्कार में कहा कि उन्होंने कहा कि साथ ही, मुझे लगता है कि इस इज़राइली बीमारी या प्रकृति की विशेषता युवा इज़राइली पुरुषों की है। मुस्कुराते हुए, जो कोई सवाल नहीं उठाते हैं और कोई संदेह नहीं करते हैं। उन्हें इजरायली होने पर बेहद गर्व है। उनके पास अस्तित्व की पूरी तरह से द्विभाजित दृष्टि है: हम बनाम अन्य सभी।”
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