आतंकवाद को लेकर अमेरिका इन दिनों काफी सख्त रवैया अपनाया हुआ दिख रहा है। पाकिस्तान को वर्षों से आतंकवाद के नाम पर आर्थिक मदद पहुंचाने वाला अमेरिका अब उतनी ही तेजी से पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई भी कर रहा है। पाकिस्तान को आर्थिक मदद रोके जाने के बाद अमेरिका ने फिर से पाकिस्तान को कड़ी चेतावनी दी है। व्हाइट हाउस ने कहा है कि अगर पाकिस्तान अपने यहां संरक्षण प्राप्त तालिबान और हक्कानी नेटवर्कों के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई नहीं करता तो अमेरिका के पास सभी विकल्प खुले हैं।  अमेरिका का कहना है कि अगर पाकिस्तान तालिबान और हक्कानी नेटवर्क के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं करता, तो उसके पास पाक को सबक सीखाने के लिए और भी रास्ते हैं।

ट्रंप प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा,‘‘निश्चित तौर पर इस खतरे से निपटने के लिए किसी को भी अमेरिका के संकल्प पर संदेह नहीं करना चाहिए। हमारे पास और भी ऑप्शन हैं।” अधिकारी ने बताया कि कुछ नीति निर्माताओं ने व्हाइट हाउस से पाकिस्तान का गैर नाटो सहयोगी का दर्जा हटाने और उस पर अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष और संयुक्त राष्ट्र जैसे बहुपक्षीय संस्थानों के जरिए दबाव बनाने के लिए कहा है। बहरहाल, अधिकारी ने इनमें से कोई भी विकल्प अपनाने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि अमेरिका चाहता है कि तालिबान और हक्कानी नेटवर्क के मौजूदा पनाहगाहों के खिलाफ कार्रवाई की जाए क्योंकि जब तक आतंकवाद की समस्या से नहीं निपटा जाएगा तब तक अमेरिका के हितों और पाकिस्तान समेत हर किसी के हितों को नुकसान पहुंचेगा।’’

बता दें कि पिछले दिनों ही अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पाकिस्तान को आतंकवाद के मुद्दे पर सार्वजनिक मंच पर लताड़ा था। ट्रंप ने अपने ट्वीट में पाकिस्तान पर झूठ बोलने और धोखा देने का आरोप लगाया था। ट्रंप ने कहा था कि पिछले 15 सालों से अमेरिका ने पाकिस्तान को 33 अरब डॉलर की मदद दी है लेकिन बदले में उसे सिर्फ झूठ और धोखा मिला है।

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