पनामा गेट मामले में चारों तरफ से घिरे पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने दोषी करार दिया है। अब वह पीएम पद के लिए अयोग्य हो गए हैं और जल्दी ही वह पद से बर्खास्त कर दिए जाएंगे।

सुप्रीम कोर्ट में 5 जजों की बेंच ने नवाज शरीफ के खिलाफ यह फैसला सुनाया। कोर्ट ने नेशनल एकाउंटेबिलिटी ब्यूरो (एनएबी) को आदेश भी दिया कि वे दो हफ्तों के अंदर नवाज शरीफ और उनके परिवार के खिलाफ मुकदमा दायर करें। सुप्रीम कोर्ट ने नवाज शरीफ को पद से तुरंत इस्तीफा देने का भी आदेश दिया है।

आपको बता दें कि पिछले साल लीक हुए पनामा पेपर्स में शरीफ और उनके परिवार का भी नाम आया था। इसके बाद इमरान खान की अगुवाई वाली तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी ने शरीफ के खिलाफ मामला दर्ज कराया था।

इन आरोपों की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट ने एक संयुक्त जांच दल (जेआईटी) का गठन किया गया था। जेआईटी ने 10 जुलाई को अपनी रिपोर्ट अदालत को सौंपी, जिसमें कहा गया था कि शरीफ और उनके बच्चों का रहन सहन उनके आय के ज्ञात स्रोत के मुताबिक नहीं है। रिपोर्ट में उनके खिलाफ भ्रष्टाचार का नया मामला दर्ज करने का भी सुझाव दिया गया था।

छोटे भाई संभालेंगे पद

कहा जा रहा है कि शरीफ के प्रधानमंत्री पद से हटने के बाद उनके छोटे भाई और पंजाब प्रान्त के मुख्यमंत्री शहबाज शरीफ पाकिस्तान के प्रधानमंत्री पद के रुप में शपथ लेंगे। चूंकि शहबाज शरीफ अभी नेशनल असेम्बली के सदस्य नहीं हैं, इसलिए वह तुरंत प्रधानमंत्री नहीं बन पाएंगे। खबर है कि शहबाज के चुनाव जीतने तक नवाज सरकार में रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ अंतरिम प्रधानमंत्री के तौर पर कार्यभार संभालेंगे

सैन्य शासन का भी है संकट

नवाज शरीफ के पद से हटाए जाने की सूरत में वहां पर छाई राजनीतिक अस्थिरता भारत के लिए नुकसानदेह साबित हो सकती है। पाकिस्‍तान का यह इतिहास रहा है कि जब-जब देश की सत्ता कमजोर हुई है तब-तब वहां पर सैन्‍य ताकत उभरकर सामने आई है। ऐसे में देश की राजनीति में शून्‍य छा जाने से यह भी हो सकता है कि वहां की सत्ता पर एक बार फिर से सैन्य तंत्र हावी हो जाए, जैसा कि पहले होता रहा है। हालांकि मौजूदा हालात में इसकी संभावना कम ही है।

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