India-Maldives Relation: भारत के सैनिक क्यों हैं मालदीव में तैनात, राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू क्यों निकालना चाहते हैं बाहर?

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India-Maldives Relation: भारत-मालदीव के रिश्तों में कुछ दिनों से खटास बरकरार है। पीएम मोदी ने लक्षद्वीप दौरे के बाद कुछ तस्वीरें सोशल मीडिया पर शेयर की थीं। इन तस्वीरों पर मालदीव सरकार के तीन नेताओं ने भारत और पीएम मोदी पर विवादित टिप्पणी की। जिसके बाद दोनों ही देशों के बीच रिश्ते बिगड़ते गए। भारत की ओर से ‘मालदीव बॉयकाट’ की इंटरनेट पर सूनामी के बाद मालदीव सरकार ने अपने तीनों नेताओं को सस्पेन्ड भी कर दिया था। जिसके बाद शायद मामला ठंडा भी पड़ जाता, लेकिन मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू जब चीन दौरे से लौटे तो उनके भाव बढ़े हुए नजर आए। उन्होंने चीन से वापस आते ही भारत के खिलाफ तीखी बयानबाजी करते हुए भारतीय सैनिकों को मालदीव की जमीन से हटाने के लिए भारत को 15 मार्च तक का अल्टीमेटम दे डाला।

मालसदीव राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू की छवि चीनी समर्थक के रूप में देखी जाती है, ऐसे में विशेषज्ञों की मानें तो भारतीय सेना को हटाने की मांग को दोहराना उनके चीन के साथ नजदीकी को दिखाता है। ऐसे में लोगों के मन में यह सवाल भी आ रहे हैं कि भारतीय सेना मालदीव में कर क्या रही है?

India-Maldives Relation: समाचार एजेंसी पीटीआई की एक रिपोर्ट के अनुसार, बीते हफ्ते मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने भारत से अपने सैनिकों को मालदीव से हटाने की मांग को दोहराया है। भारतीय सेना के जावानों को मालदीव छोड़ने के लिए उन्होंने 15 मार्च 2024 तक का अल्टीमेटम दिया। बता दें कि करीब 2 महीने पहले भी मालदीव की ओर से भारतीय सैनिकों को हटाने की मांग की गई थी। सरकारी आंकड़ों की मानें तो मालदीव में भारत के 88 सैनिक मौजूद हैं।

मानवीय सहायता के लिए 2010 से तैनात हैं भारतीय सैनिक

बता दें कि साल 2010 से ही भारत के जवान द्विपक्षीय संबंधों के तहत मालदीव में तैनात हैं। भारतीय सेना मालदीव के सैनिकों को युद्ध के लिए लड़ने की तैयारी और सैनिकों को प्रशिक्षण देने के लिए मालदीव गई थी। इसके साथ ही भारतीय सेना का काम सुदूर द्वीपों के निवासियों के लिए मानवीय सहायता प्रदान करना रहता है।

भारत ने मालदीव को बचाव अभियान के लिए हेलीकॉप्टर और विमान दिए हुए हैं। बता दें कि भारत की ओर से दो हेलीकॉप्टर और एक ड्रॉनियर विमान मालदीव को दिया गया है। विशाल समुद्र की निगरानी, खोज अभियान और चिकित्सा निकासी में इन विमानों की मदद ली जाति है। भारत का पहला हेलीकॉप्टर और चालक दल साल 2010 में ही मालदीव पहुंचा था।मालूम हो किक उस व्यक्त मोहम्मद नशीद सरकार सत्ता में थी।

चीन से नजदीकी बढ़ा रही है भारत से दूरियां!

माना जा रहा है कि चीन के सपोर्टर होने के कारण ही मालसदीव राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू भारतीय सेना को मालदीव से वापस भेजने पर तुले हुए हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक उन्होंने अपने चुनाव अभियान में भी उन्होंने “इंडिया आउट” के नारे दिए थे। बता दें कि मालदीव में पीपुल्स नेशनल कांग्रेस और प्रोग्रेसिव पार्टी ऑफ मालदीव पार्टी की गठबंधन में सरकार चल रही है। विशेषज्ञों की मानें तो दोनों ही पार्टियों की विचारधारा काफी मिलती जुलती है, दोनों ही चीनी समर्थक नीतियों का पालन करते हैं और ‘भारत प्रभाव’ का विरोध करते हैं।

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