Bastille Day परेड होगी यादगार, सारे जहां से अच्‍छा हिंदोस्‍ता हमारा की धुन से गूंजेगा फ्रांस, Indo-French के रिश्‍ते होंगे मजबूत

Bastille Day: फ्रांस में आयोजित बैस्टिल डे परेड में भारतीय त्रि सेना की टुकड़ी का प्रतिनिधित्‍व पंजाब रेजिमेंट करेगी। जोकि भारतीय सेना की सबसे पुरानी रेजिमेंट है।

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Bastille Day : top news for Indian Army
Bastille Day

Bastille Day: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 14 जुलाई को फ्रांस के दौरे के लिए आज रवाना हो गए हैं। वह राष्‍ट्रपति इमैनुएल मैंक्रो के खास आमंत्रण पर फ्रांस जा रहे हैं। यहां पर एलिसी पैलेस में आयोजित होने वाली बैस्टिल डे परेड में वह बतौर मुख्‍य अतिथि शामिल होंगे। इस साल बैस्टिल डे परेड प्रथम और द्वितीय विश्‍व युद्ध में भारतीय सैनिकों की शौर्य गाथा की प्रतीक भी होगी। गौरतलब है कि पिछले 107 वर्षों में ये पहला मौका है, जब भारतीय सेना की पंजाब रेजीमेंट बैस्टिल डे परेड के दौरान पेरिस में फ्रांसीसी सैनिकों के साथ मार्च करेगी। यह ऐतिहासिक मौका भारतीय सैनिकों की वीरता और शौर्य गाथा को बताएगा।

Bastille day Parade 4 min
Bastille Day Parade.

Bastille Day: जानिए क्‍यों बेहद खास है फ्रांस के इतिहास में बैस्टिल डे?

Bastille Day: फ्रांस में बैस्टिल डे बेहद खास होता है। बैस्टिल दिवस को ही यहां की भाषा में ‘फेटे नेशनले फ्रांसेइस भी कहते हैं।इसे राष्‍ट्रीय दिवस के रूप में मनाया जाता है। 14 जुलाई सन् 1789 में हुई फ्रांसीसी क्रांति के दौरान इस दिन बैस्टिल के किले पर हमला हुआ था। इसी दिन को उस हमले की याद के तौर पर मनाया जाता है। इस बार यहां आयोजित मिलिट्री परेड फ्रांस के साथ ही भारत के लिए बहुत अहम होगी।

इसमें तीनों भारतीय सेनाओं की 269 सैनिकों वाली टुकड़ी यानी त्रि सेवा दल फ्रांस की सेनाओं के साथ कदम से कदम मिलाते हुए मार्च पास्‍ट करेगी।भारत और फ्रांस की सेनाओं के बीच प्रथम विश्व युद्ध से ही गहरा संबंध है। इस युद्ध में लाखों भारतीय सैनिकों ने हिस्‍सा लिया था। इनमें से करीब 74,000 सैनिकों ने कीचड़ भरी खाइयों में गिरकर जंग लड़ी थी। हालांकि ये सैनिक दोबारा वतन नहीं लौट सके।करीब 67,000 सैनिक घायल हो गए।

Bastille Day: भारतीय त्रि सेना की टुकड़ी का प्रतिनिधित्‍व करेगी पंजाब रेजिमेंट

Bastille Day: फ्रांस में आयोजित बैस्टिल डे परेड में भारतीय त्रि सेवा दल की टुकड़ी का प्रतिनिधित्‍व पंजाब रेजिमेंट करेगी। जोकि भारतीय सेना की सबसे पुरानी रेजिमेंट है। इस रेजिमेंट के सैनिकों ने दोनों विश्व युद्धों के साथ-साथ स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद आयोजित अनेक ऑपरेशनों में भी भाग लिया है। प्रथम विश्व युद्ध में इन्‍हें 18 युद्धकतथा थियेटर सम्मान प्रदान किए गए थे।

इस रेजिमेंट के वीर सैनिकों ने मेसोपोटामिया, गैलीपोली, फिलिस्तीन, मिस्र, चीन, हांगकांग, दमिश्क और फ्रांस में कई लड़ाई लड़ी हैं। फ़्रांस में इसके सैनिकों ने सितंबर 1915 में न्यूवे चैपल के पास एक आक्रामक हमले में भाग लेकर युद्धक सम्‍मान ‘लूज’ और ‘फ्रांस एंड फ्लेंडर्स’ प्राप्‍त किये थे। द्वितीय विश्व युद्ध में इन्‍होंने 16 युद्धक सम्मान और 14 थिएटर सम्मान अर्जित किये थे।

सारे जहां से अच्‍छा की मधुर धुन बजाएगा राजपूताना राइफल्‍स का बैंड

PM Modi in France min

परेड के दौरान सारे जहां से अच्‍छा हिंदोस्‍ता हमारा गीत की मधुर धुन सुनने को मिलेगी।जिसे खासतौर से राजपूताना राइफल्स का बैंड बजाएगा।
यह रेजिमेंट भारतीय सेना की सबसे वरिष्ठ राइफल रेजिमेंट है। इसकी अधिकांश बटालियनों का एक लंबा और गौरवशाली इतिहास रहा है। इसके सैनिकों ने दुनिया के कई क्षेत्रों में सबसे खूंखार लड़ाइयों में दुश्‍मन को शिकस्‍त दी है।

इस रेजिमेंट के सैनिकों ने दोनों विश्व युद्धों में अनुकरणीय साहस का प्रदर्शन किया है। द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान इसी रेजिमेंट की बटालियनों ने हर उस क्षेत्र की लड़ाइयों में भाग लिया, जिनमें भारतीय सेना शामिल रही थी। इस रेजिमेंट ने स्वतंत्रता पूर्व छह विक्टोरिया क्रॉस के हासिल किए थे। इस रेजिमेंट के बैंड की नसीराबाद (राजस्थान) में 1920 में स्थापना हुई थी।

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