मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार ने प्रदेश की 14 साल पुरानी परंपरा को 1 जनवरी 2019 से समाप्त कर दिया है। सीएम कमलनाथ ने 1 जनवरी से मंत्रालय में वंदे मातरम के गायन पर पाबन्दी लगा दी है।

कमलनाथ सरकार ने आज राज्य मंत्रालय के समक्ष बीते 14 साल से चली आ रही वंदे मातरम गाने की परंपरा पर आज 1 जनवरी 2019 से रोक लगा दी है। दिसंबर 2018 तक प्रत्येक माह की पहली तारीख को मंत्रालय में पुलिस बैंड के साथ वंदे मातरम गाने का रिवाज गत 14 सालों से लगातार चला आ रहा था।

मध्य प्रदेश की नई कांग्रेस सरकार ने पूर्व सरकार के निर्णय को बदलते हुए 14 सालों से चलते आ रहे इस रिवाज पर रोक लगा दी है। आज नए मुख्य सचिव एसआर मोहंती के पदभार ग्रहण समारोह के साथ कर्मचारियों को आशा थी कि सीएम कमलनाथ वंदेमातरम गायन कार्यक्रम में उपस्थित हो सकते हैं, लेकिन ऐसा नहीं हुआ और पहली बार मंत्रालय में महीने की प्रथम तारीख को वंदे मातरम नहीं गाया गया।

आपको बता दें कि प्रत्येक माह की प्रथम तारीख को मंत्रालय के वल्लभभाई पटेल मार्ग पर पुलिस बैंड और गायन समूह के साथ तमाम सरकारी कर्मचारी वंदे मातरम गाते थे, लेकिन आज न तो पुलिस का बैंड यहां पहुंचा और न ही वंदे मातरम गाने वालों का समूह ही यहां आया। हालांकि हमेशा की तरह कुछ कर्मचारी पार्क में जरूर पहुँच गए थे। मंत्रालय सूत्रों के मुताबिक नई सरकार ने इस को लेकर कोई आदेश नहीं दिए थे।

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