सपा शासनकाल में यूपी में हुए खनन घोटाले में फंसी सूबे की IAS अधिकारी बी चंद्रकला अपने सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर अक्सर सुर्खियों में रहती हैं। यही वजह है कि सोशल मीडिया पर लाखों की संख्या में उनके फॉलोअर्स हैं। सोशल मीडिया पर उनके कई ऐसे पोस्ट हैं, जिन्हें किसी सेलिब्रिटी या चर्चित राजनेता से भी ज्यादा लोगों ने लाइक या कमेंट किया। इस बार उनकी चर्चा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म लिंकडिन पर पोस्ट की गई एक कविता से हो रही है। बता दें, कि सीबीआई ने 5 जनवरी को चंद्रकला के लखनऊ स्थित घर पर करीब दो घंटे तक छापेमारी की थी।
आईएएस बी चंद्रकला ने लिंकडिन पर पोस्ट की गई कविता के अंत में छापे को चुनावी हथकंडा बताते हुए जीवन जीने का तरीका भी समझाया है। उन्हों ने लिखा है, “चुनावी छापा तो पड़ता रहेगा, लेकिन जीवन के रंग को क्यों फीका किया जाए दोस्तों। आप सब से गुजारिश है कि मुसीबतें कैसी भी हो, जीवन की डोर को बेरंग ना छोड़ें।”
मेरे प्यारे दोस्तों,
आज मैं आप से एक व्यंग्यात्मक कहानी ‘भारतीय राजनीति में एलियन इरा’ से उद्धरण साझा कर रही हूं:
“दोस्तो, भारतीय राजनीति ने फटे कुर्ते से लेकर लाखों के सूट तक के तमाम अच्छे दिन देख चुकी है, लेकिन भारतीय जवानी आज भी समस्याओं के दलदल में फंसी कराह रही है। राजनीति ने हमें ‘ 0=100 जानें ‘ का गणित भी सिखाया ; कालेधन का सांप दिखाते-दिखाते , मदारी ने सौ जानें ले ली । राजनीति की कॉमेडी, असल में ट्रेजडी होती है ।।
आगे लेखक कहता है , हमारा देश गांधी का देश है , गांधी मतलब , लोकतंत्र की आंधी : बदलाव की हर पटकथा , जनसैलाब ही लिखती है।।—-अधिक से अधिक संख्या में मतदान करें,
” सुनो , ऐ सरकारें हत्यारी ,
तुम, जाने की, करो तैयारी ।।
कण-कण में हम आंधी हैं ,
हम भारत के, गांधी हैं ।।
लोकतंत्र का एक निशान ,
जन-गण-मन का करो, सम्मान ।।
लोकतंत्र की एक कसौटी ,
कण-कण फैले जीवन-ज्योति ।। ”
” जमीर जो कहे, वही कर ,
जालिम कहां डरता है जो, तू किसी से डर ।।
हर तूफान को पता है, हम आसमान हैं,
वक्त की सीने पर मुकम्मल निशान हैं;
अपने रास्ते पर चल, हर रंग तेरी है,
ये धरती तेरी है, ये गगन तेरी है,
हर गुल तेरी है कि, ये गुलशन भी तेरी है ।।
जमीर जो कहे, वही कर ,
जालिम कहां डरता है जो, तू किसी से डर ।। ”
बता दें, आईएएस बी चंद्रकला पर गलत तरीके से खनन पट्टे देने का आरोप है। वो बुलंदशहर, हमीरपुर, मथुरा, मेरठ और बिजनौर में डीएम रह चुकी हैं।