Sanjay Raut ने सामना के जरिये केंद्र सरकार पर साधा निशाना, G20 Summit को बताया सरकार का प्रायोजित मनोरंजन कार्यक्रम

Sanjay Raut on G20 Summit: सामना में राउत ने लिखा, "हमारे देश में फिलहाल सरकार प्रायोजित मनोरंजन के विभिन्न कार्यक्रम चल रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी भी लोगों का मनोरंजन अच्छा ही कर रहे हैं।

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Sanjay Raut on G20 Summit: Editorial Samna
Sanjay Raut on G20 Summit

Sanjay Raut on G20 Summit: शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत ने सामना में प्रकाशित संपादकीय के जरिये जी20 सम्मेलन पर केंद्र सरकार पर जोरदार निशाना साधा है। उन्‍होंने दिल्ली में चल रहे जी20 शिखर सम्मेलन को सरकार का प्रायोजित मनोरंजन कार्यक्रम बताया। उन्होंने 4 दिनों तक दिल्ली बंद किए जाने को ‘नाकेबंदी’ कहते हुए पूछा है कि आखिर सरकार किस बात से डर रही है राउत ने दावा किया कि 2024 में मदर ऑफ डेमोक्रेसी में बदलाव आएगा।
सामना में राउत ने लिखा, “हमारे देश में फिलहाल सरकार प्रायोजित मनोरंजन के विभिन्न कार्यक्रम चल रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी भी लोगों का मनोरंजन अच्छा ही कर रहे हैं। ‘जी-20’ सम्मेलन के उपलक्ष्य में दिल्ली को सजाया गया है।20 देशों के राष्ट्रप्रमुख दिल्ली पहुंच गए हैं। इस सम्मेलन की यजमानी भारत को मिली है।”

Sanjay Raut on G20 Summit: Samna Editorial
शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत।

Sanjay Raut on G20 Summit:फीका पड़ गया समारोह

Sanjay Raut on G20 Summit: दिल्ली बंद किए जाने पर राउत ने लिखा, दूसरे देशों के ऐसे सम्मेलनों में मैं जा चुका हूं। वहां पर लोगों को कम से कम परेशानी हो इस तरह से समारोह मनाए जाते हैं, लेकिन हमारे देश में इस तरह के समारोह अर्थात जनता को परेशानी।
जी20 सम्मेलन में रूस और चीन के राष्ट्रपति के न पहुंचने पर राउत ने तंज कसते हुए लिखा, जी-20 के लिए दिल्ली में 20 देशों के राष्ट्रप्रमुख आ रहे हैं।उनमें अमेरिका के जो बाइडेन हैं, चीन और रूस के राष्ट्रप्रमुख उनमें नहीं हैं। इसलिए समारोह थोड़ा फीका पड़ गया।

Sanjay Raut on G20 Summit: परदों पर उठाया सवाल

Sanjay Raut on G20 Summit: राउत ने लिखा, दिल्ली की गरीबी, कुव्यवस्था, झुग्गियां दिखाई न दें इसलिए ऐसे कई हिस्सों को रंगीन परदों से ढक कर रखा गया है। दरिद्रता को सरकार बीते 8-9 वर्षों में खत्म करने में नाकाम रही। इसे ढक कर रखने की नौबत आई है। राउत ने लिखा, दिल्ली में विदेशी मेहमान बहुत हैं, लेकिन माहौल नीरस है।
संसद के विशेष सत्र पर राउत ने लिखा, निमंत्रण आया है, लेकिन यह निमंत्रण, विवाह, यज्ञोपवीत संस्कार, किसी की जयंती-पुण्यतिथि या किसी और चीज का? मोदी सरकार के मन में आया इसलिए उन्होंने सत्र का एक समारोह आयोजित किया और निमंत्रण दे दिया।

उन्होंने कहा, भूसा भरे हुए लोगों को कुर्सियों पर बैठाया गया है। दो-चार लोग ही सरकार चला रहे हैं। राष्ट्र बेरोजगार, भूखा है, उसकी चिंता कौन करेगा? देश में सिर्फ कसरतबाजी व मनोरंजन के कार्यक्रम चल रहे हैं।

Sanjay Raut on G20 Summit: देश का नाम भारत इस्तेमाल किए जाने पर किया हमला

Sanjay Raut on G20 Summit: शिवसेना यूबीटी नेता ने जी20 सम्मेलन में देश का नाम भारत इस्तेमाल किए जाने पर भी हमला बोला। उन्होंने लिखा- संविधान द्वारा स्वीकृत ‘नाम’ से डरने वाली सरकार हमने पहली बार देखी है। मोदी सरकार ने जानबूझकर ‘इंडिया’ का नाम बदलकर ‘रिपब्लिक ऑफ भारत’ कर दिया।’
जी-20 नामक मनोरंजक कार्यक्रम के लिए उन्होंने ‘President of Republic of Bharat’ नाम से निमंत्रण पत्र छपवा दिए। उन्होंने लिखा, ‘इंडिया’ के प्रधानमंत्री के रूप में नेहरू से लेकर मोदी तक सभी लोग दुनियाभर में घूमे। उस ‘इंडिया’ के नाम के प्रति मोदी सरकार के मन में इतना कूट-कूटकर द्वेष भरा है, इस पर आश्चर्य होता है।

सामना में लिखा गया, इंडिया गठबंधन का सामना करना मुश्किल है, इसलिए तानाशाहों ने देश का ‘नाम’ बदल दिया। इंडिया’ को बदलकर भारत किया, लेकिन संविधान में इंडिया और भारत इस तरह से दोनों नाम हैं, इसलिए मोदी या संघ के मन में आने की वजह से ‘इंडिया’ नाम को खत्म नहीं किया जा सकता।

Sanjay Raut on G20 Summit: ‘इंडिया ब्रांड को तोड़ना देश के सपने को नुकसान पहुंचाने जैसा’

Sanjay Raut on G20 Summit: राउत ने ये भी कहा कि इंडिया को भारत कहने में कोई संवैधानिक अड़चन नहीं है लेकिन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इंडियी की ब्रांड वैल्यू असीमित है। कोई भी सरकार इतनी मूर्ख नहीं होगी कि इस ब्रांड वैल्यू को नष्ट कर दे। दुनिया ने देश को इंडिया नाम से मंजूरी दी। ब्रांड को तोड़ना आर्थिक महाशक्ति बनने के सपने को नुकसान पहुंचाने जैसा है।

राउत ने कहा कि भारत सरकार ने विदेशी मेहमानों को भारत का मतलब समझाने के लिए मदर ऑफ डेमोक्रेसी नाम से पत्रिका छपवाई है। जिसमें बताया है कि ‘भारत ही देश का आधिकारिक नाम है। इसका उल्लेख संविधान और 1946-48 की संविधान सभा की बहसों में किया गया है।’

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