मुजफ्फरनगर दंगों में दोषी ठहराए गए सभी आरोपियों को स्थानीय कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। कोर्ट ने 6 फरवरी को 7 आरोपियों को दोषी ठहराया था। कोर्ट ने आरोपियों को सजा का ऐलान करने के लिए 8 फरवरी की तारीख तय की थी।
बता दें 8 आरोपियों में से एक शाहनवाज की पहले ही मौत हो चुकी है। ऐसे में शाहनवाज के अलावा बाकी बचे 7 आरोपियों को जेल भेज दिया गया है। तकरीबन साढ़े 5 साल पहले 27 अगस्त 2013 को कवाल कांड के बाद से मुजफ्फरनगर और शामली में दंगे भड़क उठे थे। इसमें 60 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी और सैकड़ों परिवार बेघर हो गए थे।
साल 2013 में सचिन और गौरव नाम के दो युवकों और आरोपियो में मोटरसाइकिल की टक्कर के बाद विवाद हो गया था। इसमें दोनों युवकों की हत्या कर दी गई थी। इसके अलावा आरोपी पक्ष के शाहनवाज की भी इस दौरान मौत हो गई थी। इसके बाद से मुजफ्फरनगर और शामली में सांप्रदायिक दंगा भड़क उठा था।
मृतक गौरव के पिता ने जानसठ कोतवाली में कवाल के मुजस्सिम ,मुजम्मिल ,फ़ुरक़ान ,नदीम ,जहाँगीर ,अफ़ज़ाल और ईकबाल के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कराया था। वहीं मृतक शाहनवाज के पिता ने भी सचिन और गौरव के अलावा उनके परिवार के पांच सदस्यों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी।
हालांकि स्पेशल इन्वेस्टिगेशन सेल ने जांच के बाद शाहनवाज हत्याकांड में एफआर लगा दी थी। कवाल के दोहरे हत्याकांड के बाद जिले का सांप्रदायिक माहौल बिगड़ गया था।