High Court ने कहा ” दिल्‍ली दंगा पूर्व नियोजित था ”

0
513
Delhi Riots
Delhi Riots

फरवरी 2020 में हुए दशक के सबसे भयानक दिल्‍ली दंगों में Head Constable Ratan Lal की हत्या के मामले में Delhi High Court ने एक आरोपी मोहम्मद सलीम खान (Mohd Salim Khan) को जमानत दी तो वहीं दूसरे आरोपी मोहम्मद इब्राहिम (Mohd Ibrahim) की जमानत याचिका खारिज कर दी है। यह दोनों रतन लाल की हत्या के आरोपी है।

Delhi Riots योजना के तहत किए गए थे : Delhi High Court

हाई कोर्ट ने कहा है कि फरवरी 2020 में दिल्ली में हुए दंगे को सुनियोजित ढंग से अंजाम दिया गया था। दिल्ली दंगे किसी घटना की प्रतिक्रिया या अचानक से नहीं हुए थे। दिल्ली दंगे के एक आरोपी को जमानत देने से इनकार करते हुए जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद (Justice Subramaniam Prasad ) ने कहा कि Prosecutor ने जो वीडियो फुटेज कोर्ट मे पेश किए हैं। उनमें प्रदर्शनकारियों का आचरण स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि यह सरकार के साथ-साथ शहर में लोगों के सामान्य जीवन को बाधित करने के लिए सुनियोजित तरीके से दंगा किया गया था।

कोर्ट ने कहा कि दंगाइयों द्वारा CCTV को तोड़ देना शहर में कानून व्यवस्था को बिगाड़ने के लिए एक पहले से तय की गई साजिश की पुष्टि करता है। यह भी स्पष्ट होता है कि दंगाइयों ने बेरहमी से पुलिस अधिकारियों पर लाठी और डंडों से हमला किया था। इस मामले में एक आरोपी मोहम्मद इब्राहिम दंगे के दौरान विरोध प्रदर्शन करते समय कथित तौर पर तलवार लिए हुआ था।

आत्मरक्षा की तलवार उठाई : मोहम्मद इब्राहिम के वकील

वहीं इब्राहिम के वकील ने तर्क दिया कि रतन लाल की मौत तलवार से नहीं हुई थी। वकील ने रिपोर्ट का जिक्र करते हुए कहा कि उन्‍हें चोट आरोपी के द्वारा केवल अपनी और परिवार की रक्षा के लिए तलवार उठाने की वजह से लगी थी। कोर्ट ने कहा कि आरोपी द्वारा गम्भीर चोट मौत का कारण बन सकता है और ये प्रथम दृष्टया एक खतरनाक हथियार है। इसलिए दंगे में एक आरोपी मोहम्मद इब्राहिम को जमानत नहीं दी जा सकती।

23 फरवरी 2020 – 29 फरवरी 2020 तक 6 दिन तक दिल्ली के उत्तर पूर्वी दिल्ली के इलाके में दंगे हुए थे। इसमें 53 लोग मारे गए और 200 से ज्‍यादा लोग घायल हुए। दंगे में एक पुलिसकर्मी, एक खुफिया अधिकारी की भी हत्‍या हुई।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here