जम्मू कश्मीर जिसे भारत और पाकिस्तान के बीच के झगड़े का जड़ माना जाता हैं। इसे देश के स्वर्ग की उपाधि भी दी जाती हैं और यहां से आये दिन फायरिंग की घटनाएं सुनने को मिलती ही रहती हैं। रोजाना ही हमें सुनने को मिलता हैं कि पाकिस्तान ने सीजफायर का उल्लंघन करते हुए पत्थरबाजी की। जी हां, हम उसी कश्मीर की बात कर रहे हैं।

लेकिन ऐसा शायद सिर्फ हम ही सोचते हैं क्योंकि कश्मीर राज्य पुलिस के डीजीपी एस.पी. वैद्य ने सोमवार को कहा कि विगत वर्ष की अपेक्षा इस वर्ष, पत्थरबाजी की घटनाओं में बड़ी गिरावट आई है। डीजीपी ने कहा कि सिर्फ और सिर्फ कश्मीर के लोगो की वजह से ही पत्थरबाजी की घटनाओं में कमी आ सकी है और अगर कश्मीर निवासी इसी तरह सतर्क रहे तो जल्द ही पत्थरबाजी की घटनाओं पर पूर्ण अंकुश लगाया जा सकेगा।

पत्थरबाजी में आई 90 प्रतिशत की गिरावट-

कश्मीर पुलिस के मुखिया ने कहा कि वर्ष 2016 तक एक साल में 40 से 50 पत्थरबाजी की घटनाएं होना कोई बड़ी बात नहीं थी। लेकिन पिछले वर्ष की तुलना में, इस वर्ष पत्थरबाजी की घटनाओं में 90 प्रतिशत तक की कमी आई है। सुरक्षा की दृष्टि से यह बड़ी गिरावट है। इस साल कई सप्ताह ऐसे भी रहे हैं, जिनमें पत्थरबाजी की कोई भी घटना नहीं हुई, जबकि पिछले साल तक एक दिन में ऐसी 50 घटनाएं तक हो जाया करती थी। लोगों के मूड में यहां बड़ा बदलाव देखने को मिला है।’
सुधरे हैं घाटी के हालात-

वैद्य ने कहा कि घाटी में बड़ा बदलाव साफ तौर पर देखा जा सकता हैं। सरल शब्दों में हम इसकी प्रशंसा करते हैं और हमें पूरी उम्मीद है कि आने वाले समय में कश्मीर को एक सुरक्षित स्थान माना जायेगा। कानून-व्यवस्था की स्थिति में लगातार सुधार हो रहा है, लोग अपने कर्तव्य के प्रति जागरूक हैं, इसलिए हालातो का सुधरना लाजमी हैं।

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