दिल्ली मेट्रो के किराये में हुए वृद्धि का लगातार विरोध कर रही दिल्ली सरकार ने केंद्र सरकार के सामने एक और प्रस्ताव रखा है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि डीएमआरसी को हुए तीन हजार करोड़ के घाटे को केंद्र और दिल्ली सरकार दोनों मिलकर पूरा कर सकते हैं। इसके अलावा दिल्ली के सीएम ने कहा कि अगर केंद्र सरकार चाहे तो दिल्ली सरकार मेट्रो चलाने की जिम्मेदारी अपने कंधो पर ले सकती है।

गौरतलब है कि मेट्रो किराया बढ़ाने का विरोध कर रहे दिल्ली सरकार को शहरी विकास मंत्री हरदीप पुरी ने सीएम को पत्र लिखा था कि अगर मेट्रो का किराया नहीं बढ़ाना है तो दिल्ली सरकार को पांच वर्ष तक प्रति वर्ष तीन हजार करोड़ देने होंगे। इसका जवाब देते हुए सीएम ने कहा है कि डीएमआरसी में दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार की बराबर भागीदारी है। दिल्ली सरकार आधा घाटा बांटने को तैयार है, बशर्ते केंद्र सरकार भी आधा घाटा बांटे। केजरीवाल ने आगे कहा कि अगर केंद्र सरकार आधा घाटा देने को तैयार नहीं है तो वह डीएमआरसी के प्रशासन और परिचालन की जिम्मेदारी दिल्ली सरकार को दे दे।  हम मेट्रो चलाने के लिए तैयार हैं।

दिल्ली सरकार की  एक और दलील है कि एक साल में दो बार किराया नहीं बढ़ाया जा सकता। उनको विश्वास है कि बगैर किराया बढ़ाए डीएमआरसी की क्षमता बढ़ाकर राजस्व को बढ़ाया और घाटे को कम किया जा सकता है। केजरीवाल का कहना है कि सस्ता सार्वजनिक परिवहन दिल्ली के लोगों का हक है और यह हक बिना किराया बढ़ाए उन्हें दिया जा सकता है।

केजरीवाल के इस दो टूक के बाद अब सबकी नजर शहरी विकास मंत्रालय पर होगी कि वह इसका क्या जवाब देती है।

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