विराट कोहली एक ऐसा नाम है जो कि मौजूदा समय में भारतीय क्रिकेट फैंस की जुबां पर रहता है। ऐसा नहीं है कि कोहली के चाहने वाले सिर्फ हिंदुस्तान में हैं बल्कि दुनिया भर के क्रिकेट प्रेमी उनसे प्यार करते हैं। आज बात करेंगे उनकी उस पारी की, जो एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में उनकी सबसे शानदार पारी रही है। ये पारी उन्होंने और किसी के खिलाफ नहीं बल्कि पाकिस्तान के खिलाफ खेली थी।
आज से करीब दस साल पहले 18 मार्च 2012 को किंग कोहली ने बांग्लादेश के मीरपुर में हुए मुकाबले में पाकिस्तानी गेंदबाजों को पानी पिला दिया था। एशिया कप के तहत शेर-ए-बांग्ला स्टेडियम में आयोजित मुकाबले में पाकिस्तान ने टॉस जीता था और पहले बल्लेबाजी की। उस दिन तो मोहम्मद हफीज और नासिर जमशेद की जोड़ी ने भारतीय गेंदबाजों की नाक में दम कर दिया। पाकिस्तान की पारी के 36वें ओवर तक ये दोनों बल्लेबाज भारतीय बॉलर्स की जमकर पिटाई करते रहे।
आखिर में 36वें ओवर में आर अश्विन ने नासिर जमशेद को 112 के निजी स्कोर पर आउट कर दिया। मोहम्मद हफीज ने भी इस पारी में शतक लगाया और अगले ओवर में वे भी आउट हो गए। इसके बाद यूनस खान की हाफ सेंचुरी की बदौलत पाकिस्तानी टीम 329 के स्कोर पर पहुंच गयी, जो कि एक बड़ा स्कोर था।
भारतीय टीम को इस स्कोर का पीछा करने की शुरूआत में ही झटका लगा और गौतम गंभीर पहले ओवर में आउट हो गए। फिर बल्लेबाजी करने आए विराट। एक तरफ विराट तो दूसरी तरफ सचिन तेंदुलकर बैटिंग कर रहे थे। दोनों ने टिककर खेला और धीरे-धीरे उनके बीच शतकीय साझेदारी हो गयी। हालांकि हाफ सेंचुरी लगाने के बाद सचिन सईद अजमल की गेंद पर पवेलियन लौट गए। इसके बाद विराट का साथ देने रोहित शर्मा आए।
रोहित शर्मा और विराट के बीच बढ़िया साझेदारी होने लगी। इस बीच 97 गेंदों पर कोहली ने अपना शतक पूरा किया। रोहित शर्मा ने भी अपना अर्धशतक पूरा किया। दोनों बल्लेबाजों के बीच 172 रनों की साझेदारी हो गयी थी कि अचानक 46वें ओवर में उमर गुल ने रोहित शर्मा को आउट कर दिया।
अब बल्लेबाजी करने सुरेश रैना आए। रैना और कोहली बैटिंग कर ही रहे थे कि 48वें ओवर में उमर गुल ने विराट कोहली को आउट कर दिया। कोहली मोहम्मद हफीज को कैच दे बैठे थे। कोहली जब पवेलियन लौट रहे थे तो उनका निजी स्कोर 183 था। ये रन कोहली ने 148 गेंदों में बनाए थे। इस पारी में उन्होंने 22 चौके लगाए और एक छक्का लगाया।
कोहली जब खेलने उतरे थे तो टीम का स्कोर शून्य था और जब आउट हुए तो स्कोर 318 था यानी जीत से 12 रन दूर। बाद में रैना और महेंद्र सिंह धोनी ने खेलते हुए इंडिया को जीत तक पहुंचा दिया था। ये तो बस एक मौका था, ऐसे न जाने कितने मौके हैं जब कोहली ने टीम इंडिया को जीत तक पहुंचाया। साफ है कि कोहली टीम इंडिया को जीत दिलाकर ही दम लेते हैं।