आर. अश्विन लीजेंड हैं या नहीं? मीरपुर टेस्ट के बाद सोशल मीडिया पर छिड़ी बहस

मुझे किसी सहकर्मी या किसी के साथ कोई समस्या नहीं है- अश्विन

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Ravichandran Ashwin: भारतीय ऑलराउंडर आर. अश्विन
Ravichandran Ashwin: भारतीय ऑलराउंडर आर. अश्विन

Ravichandran Ashwin: बांग्लादेश में भारत और बांग्लादेश के बीच खेले गए दूसरे टेस्ट मैच में ऑलराउंडर आर. अश्विन ने अहम पारी खेली। इस पारी में अश्विन ने कीमती 42 रन बनाए और भारत को 2-0 से सीरीज में जीत दिला दी। मीरपुर में हुए सीरीज के दूसरे मैच में जब भारतीय टीम मुश्किल में थी, तो अश्विन ने यादगार पारी खेली। इसके लिए उन्हें प्लेयर ऑफ द मैच से भी सम्मानित किया गया। वहीं, अश्विन के इस पारी के बाद अब सोशल मीडिया पर यह बहस छिड़ गई है कि आर. अश्विन लीजेंड हैं या नहीं।

Ravichandran Ashwin: भारतीय ऑलराउंडर आर. अश्विन
Ravichandran Ashwin: भारतीय ऑलराउंडर आर. अश्विन

Ravichandran Ashwin: 9वीं बार मैन ऑफ द मैच से नवाजे गए अश्विन

आपको बता दें कि बांग्लादेश में मीरपुर टेस्ट जीतने के बाद अश्वीन को 9वीं बार मैन ऑफ द मैच दिया। वहीं, इसके साथ ही उन्हें इंडिविजुअल ट्रॉफी 18वीं बार दी गई। इस मामले में उन्होंने वीरेंद्र सहवाग, राहुल द्रविड़ और अनिल कुंबले को भी पीछे छोड़ दिया है। इतनी सारी उपलब्धियों के बाद अब अश्विन के लीजेंड होने या न होने पर सोशल मीडिया पर बहस हो रही है। कोई कह रहा है कि अश्विन को कम आंका जा रहा है। वहीं, कोई कह रहा है कि अश्विन आने वाले समय में भारतीय टेस्ट टीम के कप्तान बनने चाहिए। एक यूजर ने ट्वीट कर कहा “अभी की स्थिति के अनुसार, भारतीय टेस्ट क्रिकेट टीम के कप्तान के हकदार मिस्टर अश्विन ही हैं।” कई लोगों ने अश्विन को लीजेंड बताया तो वहीं कई लोग इसके अलग अपनी राय रखते हैं।

ट्विटर पर आर. अश्विन ने भी किए कई ट्वीट
वहीं, मीरपुर टेस्ट जीतने के बाद क्रिकेटर अश्विन ने एक के बाद एक कई ट्वीट कर अपनी बातें रखी। सबसे पहले तो उन्होंने मैन ऑफ द मैच से सम्मानित होने के बाद अवॉर्ड के साथ अपनी तस्वीर पोस्ट करते हुए लिखा “शानदार खेल और यादगार जीत।” इसके बाद इनके फैंन और ट्विटर यूजर ट्वीट करने लगे। वहीं, अश्विन ने भी कई ट्वीट किए। उन्होंने लिखा “”ओवरथिंकिंग” एक ऐसी धारणा है जो मेरे पीछे तब से चली आ रही है जब से मैंने भारतीय जर्सी को गर्व के साथ पहना है। मैंने इसके बारे में कुछ समय के लिए विचार किया है और मुझे विश्वास है कि मुझे लोगों के दिमाग से उस शब्द को मिटाने के लिए एक पीआर अभ्यास पर गंभीरता से विचार करना चाहिए था। हर शख्स का सफर खास होता है।”

उन्होंने आगे लिखा “और दूसरा, जबकि कुछ यात्राओं के लिए उन्हें इस पर विचार करने की आवश्यकता होती है, जबकि अन्य इसे सरल रख सकते हैं। जिस क्षण कोई कहता है कि मैं अंदर की दीवारों से एक अति विचारक हूं, मैंने हमेशा अपने आप से सोचा है कि “मैं इसी तरह अपना क्रिकेट खेलता हूं, न कि जिस तरह से मैं दूसरों को खेलने की सलाह देता हूं।”
अश्विन ने आगे कहा कि अंत में, मैं खेल के बारे में गहराई से सोचता हूं और अपने विचार साझा करता हूं क्योंकि मेरा मानना ​​है कि जब विचार साझा किए जाते हैं तो वे चमत्कारी उपलब्धियों में गुणा कर सकते हैं। यह तथ्य कि यह लोकप्रिय नहीं हो सकता है, मुझे विचलित नहीं करेगा क्योंकि मेरा लक्ष्य शब्दों के युद्ध को जीतना नहीं है, इसके अंत में सीखना है।

अश्विन ने आगे डिस्क्लेमर लिखकर कहा ” मुझे किसी सहकर्मी या किसी के साथ कोई समस्या नहीं है और यह केवल ट्रांजिस्ट के दौरान मेरे द्वारा पढ़े गए कुछ लेखों के जवाब में है। मुझे यह समझने में 13 साल लग गए कि यह शब्द एक खतरा बना रहेगा और उम्मीद है कि इस धागे को पढ़ने वाले किसी नौजवान को कुछ साल मिल सकते हैं।”

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