रविवार को मिल्खा सिंह की हरी झंडी ने पटना को दौड़ने के लिए मजबूर कर दिया। फ्लाइंग सिख मिल्खा सिंह बोले और जनता न दौड़े, ऐसा तो हो ही नहीं सकता। बिहार के पटना में पहली बार हाफ मैराथन का आयोजन किया गया, जिसमें विशिष्ट अतिथि मिल्खा सिंह ने हरी झंडी दिखाकर दौड़ की शुरुआत कराई। मैराथन की शुरुआत दिल्ली के गांधी मैदान से सुबह 6, 6:45 और 7:45 से की गई, जिसमें दिल्ली सहित अन्य राज्यों से आए लगभग 4 हजार लोगों ने दौड़ लगाई।
‘रन फॉर बिहार‘ थीम पर आयोजित पटना हाफ मैराथन दौड़ की तीन श्रेणियां थी।
- पहली केटेगरी की 21.1 किमी की दौड़ में 350 प्रतिभागी शामिल हुए।
- दूसरी केटेगरी की 10 किमी की दौड़ में 450 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया।
- 4 किमी की तीसरी दौड़ में 3200 प्रतिभागी दौड़ का हिस्सा बने।
पटना में आयोजित पहली मैराथन दौड़ की खास बात ये थी, कि इसमें हर आयु के लोगों के साथ-साथ ट्रांसजेंडरों ने भी हिस्सा लिया।
ओलम्पिक गोल्ड जीते इंडियन: मिल्खा सिंह
फ्लाइंग सिख मिल्खा सिंह ने शनिवार को पटना के होटल पनास में अपने मन की बता बताते हुए कहा, वह दिल से चाहते हैं कि कोई भारतीय युवा ओलम्पिक में गोल्ड मेडल जीते। साथ ही उन्होंने ये भी बताया, कि जब से मिल्खा सिंह के जीवन पर फिल्म बनी है, हजारों लोग उनके फैन बन चुके हैं। उन्होंने बताया, फिल्म आने के बाद से ही उनकी जिंदगी पूरी तरह से बदल चुकी है और अब वह एक सेलेब्रिटी की जिंदगी जीते हैं। बिहार में पहली बार आयोजित हाफ मैराथन में फ्लैग ऑफ करने का मौका मिलने पर बहुत खुशी महसूस हो रही है, लेकिन दु:ख की बात यह है कि भारत के आजाद होने के बाद से अबतक किसी को एथलीट में मेडल नहीं मिला हैं। बिहार में एक नहीं 100 मिल्खा पैदा हो सकते हैं, बस पूरी लगन से प्रतिभाग करने की जरूरत है।