हनुमान जी के इस स्वरूप की पूजा करने से कार्यों में आ रही बाधाएं होंगी दूर, चमकेगी किस्मत

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राम भक्त हनुमान की भक्ति करने से मनुष्य के जीवन के सभी दुख धीरे-धीरे खत्म होने लगते है। पवनपुत्र हनुमान जी को विद्या, बुद्धि, शौर्य और साहस का दाता माना जाता है। भगवान राम के अनन्य भक्त की महिमा किसी से भी छिपी हुई नहीं है। मान्यता है कि कलयुग में हनुमान जी की भक्ति करने से मनुष्य रोगों से दूर रहता है और साथ ही पाप-क्लेश इन सभी बाधाओं से भी मुक्त रहता है। हनुमान जी की उपासना करने से ज्ञान प्राप्त होता है और जीवन में उन्नति मिलती है। हिंदू धर्म में राम भक्त हनुमान को सबसे शक्तिशाली माना गया है। संकट मोचन हनुमान जी की मंगलवार और शनिवार को पूजा-अर्चना करने से परम सुख की प्राप्ति होती है। अगर आप हनुमान जी के इस स्वरूप की पूजा करते है तो आपके कार्यों में आ रही सभी बाधाएं दूर हो जाती है। आइए जानते है हनुमान जी के इस विशेष स्वरूप के बारे में…

हनुमान जी का विशेष स्वरूप

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बचपन में खेल-खेल में हनुमान जी सूर्य भगवान को फल समझकर खाने जा रहे थे पर जैसे ही उनको ज्ञात करवाया गया कि सूर्य भगवान एक फल नहीं हैं बल्कि सबसे बलशाली और ज्ञान देने वालें है तो हनुमान जी ने सूर्य भगवान को अपना गुरु मान लिया था। सूर्य देव को अपना गुरु मानने के बाद पवनपुत्र उनकी आराधना में लीन हो गए और सूर्य देव को प्रसन्न कर के ही माने। सूर्य देव ने भी प्रसन्न हो कर बाल हनुमान जी को वरदान दिए। मान्यता है कि मंगलवार या फिर शनिवार को बजरंगबली के सूर्यमुखी स्वरूप की आराधना करने से सफलता मिलती है, सभी बाधाएं दूर होती है और साथ ही चीजें आसानी से प्राप्त हो जाती हैं।

सूर्य को अर्घ्य देने से मिलती है पवन पुत्र की कृपा

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हनुमान जी की पूजा करने से नाम और काम दोनों में प्रसिद्धि मिलती है। मंगलवार या फिर शनिवार को (दोनों ही दिन पवनपुत्र को समर्पित है) प्रातः काल नहाने के बाद तांबे के पात्र से सूर्य देव को जल का अर्घ्य देने से हनुमान जी की असीम कृपा प्राप्त होती है। बजरंगबली के इस बाल स्वरूप की आराधना करने से सारे अटके हुए काम पूरे हो जाते है। हनुमान जी के सूर्यदेव की भक्ति वाले चित्र के सामने बैठकर हनुमान चालीसा करने से भी उन्नति मिलती है और साथ ही एकाग्रता और शक्ति की प्राप्ति होती है।

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