Vaishakh Purnima 2023: धूमधाम से मनाई जा रही बुद्ध पूर्णिमा, जानिए भगवान बुद्ध के अनमोल वचन

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आज धूमधाम से मनाई जा रही बुद्ध पूर्णिमा, जानिए भगवान बुद्ध के अनमोल वचन
आज धूमधाम से मनाई जा रही बुद्ध पूर्णिमा

Vaishakh Purnima 2023: आज वैशाख माह की पूर्णिमा तिथि है और इस तिथि को गौतम बुद्ध की जयंती के रूप में मनाया जाता है। हिंदु धर्मशास्त्रों की मानें तो गौतम बुद्ध को भगवान विष्णु का नौवां अवतार कहा जाता है। गौतम बुद्ध का जन्‍म एक राजघराने में हुआ था। उनका बचपन का नाम राजकुमार सिद्धार्थ था। कहा जाता है कि सिद्धार्थ के जन्‍म के समय ही यह भविष्‍यवाणी कर दी गई थी कि आगे चलकर यह बालक बहुत बड़ा संत बनेगा। यह भविष्‍यवाणी सत्य ही साबित हुई, 35 वर्ष की आयु में उन्हें ज्ञान की प्राप्ति हुई और वे सिद्धार्थ से गौतम बुद्ध बने।

बुद्ध पूर्णिमा वैशाख माह की पूर्णिमा तिथि पर पड़ती है। इस वर्ष यह 5 मई को मनाई जा रही है। भगवान बुद्ध के भक्तों के लिए यह पर्व बहुत महत्वपूर्ण होता है। इसे कई अलग-अलग जगहों पर बहुत धूमधाम के साथ मनाया जाता है। इस दिन बौद्ध धर्म के संस्थापक भगवान गौतम बुद्ध का जन्म हुआ था। श्रद्धालु इस दिन दान-पुण्य और धर्म-कर्म के अनेक कार्य करते हैं।

Vaishakh Purnima 2023: बुद्ध पूर्णिमा 2023 तिथि

आज के दिन धर्मराज की पूजा का भी विशेष विधान है। मान्यता के मुताबिक इस व्रत को विधि पूर्वक करने से अकाल मृत्यु का भय समाप्त हो जाता है। इस साल यह पर्व 5 मई को मनाया जा रहा है। वैशाख पूर्णिमा तिथि की शुरुआत 4 मई 2023 को रात्रि 11 बजकर 44 मिनट पर होगी और इसका समापन 5 मई 2023 को रात 11 बजकर 03 मिनट पर होगा। इस बार भगवान गौतम बुद्ध की 2585वीं जयंती मनाई जा रही है। आज के दिन गंगा में स्नान का भी विशेष महत्व माना जाता है यही वजह है कि हरिद्वार की हरकी पैड़ी में सुबह से ही श्रद्धालुओं का तांता लगा हुआ है।

Vaishakh Purnima 2023: भगवान बुद्ध के अनमोल वचन

  • व्यक्ति अपने अच्छे और बुरे स्वास्थ्य का जिम्मेदार स्वयं होता है। इसलिए खान-पान और दिनचर्या का ध्यान रखना चाहिए।
  • क्रोध जलते हुए कोयले की तरह होता है, जो किसी के ऊपर फेंकने से पहले आपके खुद के हाथों को जलाता है। क्रोध को पाले रखना मतलब खुद का ही नुकसान करना है।
  • अज्ञानी व्यक्ति से कभी भी उलझना और बहस नहीं करना चाहिए। वह एक बैल के समान है जो सिर्फ आकार में बड़ा दिखता है, ज्ञान में नहीं।
  • इस संसार में कभी भी खुशी और सुख स्थायी नहीं हो सकते। ठीक इसी तरह दुख भी स्थायी नहीं है। अगर आप अंधेरे में डूबे हैं, बुरे समय का सामना कर रहे हैं तो आपको रोशनी की तलाश करनी चाहिए।
  • मनुष्य को अपने लक्ष्य को प्राप्त करने से अधिक अपनी यात्रा पर ध्यान देना चाहिए। जैसे हजारों शब्दों से एक अच्छा शब्द जो शांति प्रदान करता हो।
  • हम किसी भी बात पर जैसे ही क्रोधित होते हैं, तो हम सच नहीं देख पाते, सिर्फ अपने लिए प्रयास करने लग जाते हैं। क्रोधित व्यक्ति स्वार्थी हो जाता है। वह
  • सिर्फ अपनी बात मनवाने की कोशिश करता है। क्रोध से बचना चाहिए।

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