देशभर में कृष्ण जन्माष्टमी को बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है। जन्माष्टमी भगवान विष्णु के आठवें अवतार का प्रतीक है। इस शुभ अवसर पर कान्हा के भक्त झांकियों को सजाते हैं और प्रदर्शित करते हैं। हिंदू कैलेंडर के मुताबिक जन्माष्टमी कृष्ण पक्ष की अष्टमी या भाद्रपद के महीने में अंधेरे पखवाड़े 8वें दिन मनाया जाता है।

इस साल जन्माष्टमी 30 अगस्त को मनाई जा रही है। खास बात यह है कि कृष्ण के जन्मदिवस को भारत में अलग अलग नामों से जाना जाता है। कहीं इसे जन्माष्टमी तो कही गोकुलाष्टमी, रोहीनी अष्टमी, और कृष्ण जयंती कहा जाता है।

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जन्माष्टमी रात को 12 बजे के बाद मनाई जाती है लेकिन इसकी तैयारियां पहले से ही शुरू हो जाती है। सुबह सबेरे उठते ही भक्त आने वाले कान्हा के लिए झूला तैयार करते हैं। जन्म के बाद उन्हें मिश्री और माखन का भोग लगाने के लिए तैयारी करते हैं।

उत्तर प्रदेश में जन्माष्टमी के अवसर पर मंदिरों को सजाय जाता है। कृष्ण के लिए झाकियां तैयार की जाती हैं लेकिन महाराष्ट्र में इस अवसर पर दही हांडी का आयोजन किया जाता है। अलग अलग राज्यों में लोग अपने तरह से कृष्ण के आने की खुशी मनाते हैं।

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इस शुभ अवसर पर हम आपको बता रहे हैं कान्हा के 10 सत्य वचन

  • जो हमेशा मन में शंका रखते हैं उन्हें इस संसार में कहीं भी चैन नहीं मिलता है।
  • अगर हम फल की आशा में काम करेंगे तो ना तो हम सफल होंगे ना ही अपने लक्ष्य तक पहुंच पाएंगे।
  • जो अपनी सोच को नियंत्रित नहीं रख पाते हैं उनकी सोच उन्हीं का दुश्मन बन जाती है।
  • जीवन में कभी भी क्रोध न करें क्योंकि यह आपके के विनाश कारण बन सकता है।
  • पृथ्वी पर जिस तरह से मौसम में परिवर्तन आते है उसी प्रकार जीवन में भी सुख दुख आते रहता है।
  • जो चीज हमारे हाथ में नहीं है उसके बार में चिंता करके कोई फायदा नहीं है।
  • मनुष्य अपने विचारों से बनता है, क्योंकि जैसा वो सोचता है वैसा ही वो बन जाता है।
  • लालच, गुस्सा और वासना तीनों नरक के द्वार हैं।
  • जो जन्मा है उसकी मृत्यु निश्चित है, जो मरा है उसका जन्म निर्धारित है, इसलिए सत्य का दुख मनाना व्यर्थ है।
  • लक्ष्य को पाने के लिए दिन-रात मेहनत करने वाले लोग रास्ते में आने वाले सभी संकटों को पार कर जाते हैं।

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