Sawan 2023: बम भोले के जयघोष के साथ ही सावन का पावन माह शुरू, मंंगलागौरी व्रत की तैयारियां पूरी

Sawan 2023: ज्‍योतिषों के अनुसार इस सावन कुल 9 मंगलवार ऐसे पड़ रहे हैं, जिसमें 9 मंगला व्रत रखे जाएंगे।

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Sawan 2023: Lord Shiva pujan today
Sawan 2023

Sawan 2023: सावन माह के पहले दिन मंगलवार को मंदिरों में भक्‍तों की भीड़ उमड़ी। पूरे देशभर में श्रद्धालु भगवान भोलेनाथ के जलाभिषेक के लिए शिवालय पहुंच रहे हैं। दिल्‍ली-एनसीआर समेत उज्‍जैन महाकाल और प्रमुख ज्‍योर्तिलिंगों में भक्‍तों का तांता लगा हुआ है।
भक्‍तों ने भगवान शिव की पूजा कर बम-बम भोले का जयघोष भी लगाया।

सावन माह का पहला दिन मंगला गौरी व्रत पड़ने की वजह से भी बेहद खास माना जा रहा है। इस दिन मां मंगला गौरी की पूरे विधि-विधान के साथ पूजा वालों पर मां पार्वती और भगवान भोलेनाथ की विशेष आशीष मिलता है।ज्‍योतिषों के अनुसार इस सावन कुल 9 मंगलवार ऐसे पड़ रहे हैं, जिसमें 9 मंगला व्रत रखे जाएंगे।

Sawan 2023: हर-हर महादेव के जयघोष से गूंजे शिवालय

Sawan 2023:सावन माह के पहले दिन शिवालय हर-हर महादेव के जयघोष से गूंज उठे। भक्‍तों ने भगवान शंकर जी का जलाभिषेक कर उनसे आशीर्वाद मांगा। दिल्‍ली, गाजियाबाद, नोएडा, गुरुग्राम से लेकर कई जगहों पर बने मंदिरों मं भक्‍तों की सुबह से भीड़ लगी हुई थी। उज्‍जैन महाकाल में महाकालेश्वरज्योतिर्लिंग की भस्मारती श्रृंगारदर्शन देख भक्‍त जय भोले, जय भोले के जयकारे लगाने लगे।

Sawan 2023: यहां जानिए मंगला गौरी व्रत का शुभ मुहूर्त

Sawan 2023 ki puja ki news
Lord Shiva and Maa Parvati.

Sawan 2023: हिंदू पंचांग के अनुसार 4 जुलाई को सावन मास कृष्‍ण पक्ष प्रतिपदा तिथि है। आज यानी मंगलवार के ही दिन इंद्र योग और त्रिपुष्‍कर योग भी बन रहा है। ऐसी मान्‍यता है कि इन दोनों शुभ योग में पूजा-पाठ करने मात्र से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।मंगला गौरी व्रत की पूजा सुबह 8 बजकर 45 मिनट से दोपहर 2 बजकर दस मिनट के बीच की जा सकती है।

जानिए मंगलागौरी व्रत के दिन कैसे करें पूजा ?

इस दिन सर्वप्रथम उठकर स्‍नान आदि करें। स्‍वच्‍छ वस्‍त्र धारण करें।मंदिर अथवा घर पर पूजा करें। सबसे पहले शिवलिंग पर जल चढ़ाएं।भगवान भोलेनाथ और मां पार्वती जी की पूजा एक साथ करें। देवी मां को को अक्षत, कुमकुम, फूल, फल, माला और सोहल श्रंगार की सामग्री व सुहाग का सारा सामान अर्पित करें।फूल चढ़ाएं और धूप और दीप जगाकर आरती करें।

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