Kartik 2022: भगवान श्री हरि विष्‍णु को क्‍यों प्रिय है कार्तिक माह, जानिए यहां

Kartik 2022: पौराणिक मान्यता के अनुसार कार्तिक माह आध्यात्मिक उन्नति तथा भगवान श्रीविष्णु की कृपा प्राप्ति देता है। यही वजह है कि इस माह दान-पुण्‍य, दीप दान के साथ भगवान श्री हरि की पूजा की जाती है।

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Shattila Ekadashi 2023 ki news
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Kartik 2022: भगवान श्री हरि विष्‍णु का सबसे प्रिय कहलाने वाला माह कार्तिक अभी चल रहा है। श्रीविष्णु की पूजा आराधना के लिए श्रेष्ठ कार्तिक माह 19 नवंबर, शुक्रवार यानी कार्तिक पूर्णिमा के दिन संपन्न होगा।पौराणिक मान्यता के अनुसार कार्तिक माह आध्यात्मिक उन्नति तथा भगवान श्रीविष्णु की कृपा प्राप्ति देता है।

यही वजह है कि इस माह दान-पुण्‍य, दीप दान के साथ भगवान श्री हरि की पूजा की जाती है।जिसका बहुत महत्‍व होता है।शास्‍त्रों के अनुसार कार्तिक माह में यदि एक दिन भी ब्रह्म मुहूर्त में स्नान-ध्यान करके ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ का जप तुलसी की माला से किया जाए तो अद्भुत दिव्य फल की प्राप्ति होती है।

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Kartik 2022: कार्तिक के दौरान इन नियमों का करें पालन

  • Kartik 2022: तुलसी के पौधे की पूजा और सेवा इस महीने में आवश्‍यक बताया गया है। इस मास में तुलसी पूजा का महत्व कई गुना बढ़ जाता है
  • कार्तिक मास में जमीन पर सोना चाहिए, ऐसा माना जाता है कि जमीन पर सोने से मन में पवित्र विचार आते हैं
  • शरीर पर तेल नहीं लगाया जाता,इस महीने में सिर्फ एक दिन यानी नरक चतुर्दशी पर ही तेल लगाया जाता है
  • कार्तिक के पवित्र महीने में दीप दान जरूर करें, कहा जाता है कि इससे पुण्य की प्राप्ति होती है
  • इस महीने में नदी, पोखर, तालाब आदि में जाकर ही दीपदान करें
  • इस माह में खाने-पीने को लेकर भी कई नियम बताए गए हैं। कार्तिक मास में उड़द, मूंग, मसूर, चना, मटर, राई आदि से परहेज करें
  • कार्तिक मास में ब्रह्मचर्य का पालन कड़ाई से करें, इस माह में ब्रह्मचर्य का पालन न करना अशुभ माना गया है
  • कार्तिक मास में संयम बरतने की सलाह दी जाती है, इस दौरान किसी तरह के झगड़े या विवाद में न पड़ें

Kartik 2022: जानिए क्‍यों भगवान विष्‍णु को प्रिय है ये मास?

Kartik 2022: Vishnu ji ki puja
Kartik 2022:

Kartik 2022: इस माह भगवान विष्णु निद्रा से जागते हैं। स्‍कंद पुराण के अनुसार, भगवान शिव और माता पार्वती के पुत्र कार्तिकेय ने तारकासुर का वध भी इसी माह में किया था, इसके लिए इसका नाम कार्तिक पड़ा। इस मास में पवित्र नदियों में स्नान, दान, उपासना, हवन आदि करने के विशेष महत्व है।

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