Diwali 2022: आखिर क्‍यों मां लक्ष्‍मी को पूजा के दौरान चढ़ाए जाते हैं खील, खिलौने और बताशे का प्रसाद?

Diwali 2022: हिंदू धर्म में देवी-देवताओं को भोग में कुछ मीठा अवश्य अर्पित किया जाता है इसलिए खीलों के साथ मीठे खिलौने या फिर बताशे का भोग लगाया जाता है। इसके अलावा इस दिन नए चावलों की खीर बनाकर भी मां लक्ष्मी को अर्पित की जाती है।

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Diwali 2022: kheel batashe and puja
Diwali 2022

Diwali 2022: दीवाली यानी दीपोत्‍सव एक ऐसा त्‍योहार जो संदेश देता है अंधियारे से उजाले का, खुशियों का। इसके साथ ही देवी लक्ष्‍मी के पृथ्‍वी पर आगमन का। जब बात मां लक्ष्‍मी जी के धरती पर आने की हो, तो हर व्यक्ति यही चाहेगा कि देवी का आशीर्वाद उसे प्राप्‍त हो। मान्‍यताओं के अनुसार दीवाली की रात्रि मां लक्ष्मी का पृथ्वी लोक पर आगमन होता है। वे भक्तों पर अपनी कृपा बरसाती हैं।जिससे वर्ष भर उनका घर अपार धन-धान्य से भरा रहता है। इसलिए ही दीवाली को धन-समृद्धि प्रदान करने वाला त्योहार कहा गया है। इस दिन मुख्य रूप से मां लक्ष्मी और भगवान श्रीगणेश जी का पूजन किया जाता है।उन्‍हें मुख्य भोग प्रसाद के रूप में खील (धान का लावा) और बताशे अर्पित किए जाते हैं। खासतौर से मां लक्ष्‍मी के लिए खील और गुड़ निर्मित लडडू, प्रसाद का भोग लगाया जाता है,लेकिन क्या आप जानते हैं कि दीवाली पर मां लक्ष्मी को खील और मीठे बताशों या मीठे खिलौनों का ही भोग आखिर क्यों लगाया जाता है?

Diwali pujan and kheel batashe prasad.
Diwali 2022

Diwali 2022: जानिए खील चढ़ाने की वजह

Kheel Prasad on Diwali pujan 2022.
kheel Prasad on diwali.

खील का सीधा संबंध धान से है, इसे धान का लावा भी पुकारा जाता है।यह चावलों से बनाकर तैयार किया जाता है। मां लक्ष्मी जी को खील अर्पित करने को प्राकृतिक कारणों से भी जोड़कर देखा जाता है। दरसअल दीवाली के समय धान की फसल पककर तैयार हो जाती है इसलिए धन-धान्य की देवी मां लक्ष्मी की आभार व्यक्ति करने के लिए धान का लावा यानी खीलों को पहले भोग के रूप में लक्ष्मी जी को अर्पित किया जाता है। हिंदू धर्म में देवी-देवताओं को भोग में कुछ मीठा अवश्य अर्पित किया जाता है इसलिए खीलों के साथ मीठे खिलौने या फिर बताशे का भोग लगाया जाता है। इसके अलावा इस दिन नए चावलों की खीर बनाकर भी मां लक्ष्मी को अर्पित की जाती है। लक्ष्मी जी को केसर की खीर प्रिय है इसलिए दिवाली के शुभ अवसर पर उन्हें खीर का भोग अवश्य लगाना चाहिए। इससे लक्ष्मी जी प्रसन्न होती हैं।

Diwali 2022: खील- बताशे चढ़ाने की ज्योतिषिय वजह

ज्योतिष में चावल को शुक्र ग्रह का अनाज माना गया है। चावल को शुद्ध पदार्थ माना जाता है,इसका रंग सफेद होने के कारण ये शुक्र का संकेत होता है। दूसरी तरफ शुक्र ग्रह को धन, वैभव का कारक ग्रह माना जाता है। शुक्रवार का दिन मां लक्ष्मी और शुक्र ग्रह को समर्पित होता है। मां लक्ष्मी भी धन-समृद्धि प्रदान करने वाली देवी हैं।इसीलिए इनके पूजन से शुक्र मजबूत होता है।

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