कोरोना काल के बाद इस वर्ष बेहद खास रहेगा Dusshera 2022, रावण, मेघनाद और कुंभकरण के विशाल पुतले होने लगे तैयार

Dusshera 2022: हिंदू पंचांग के अनुसार इस वर्ष अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि मंगलवार, 4 अक्टूबर को दोपहर 2 बजकर 20 मिनट से प्रारंभ होगी और अगले दिन यानी बुधवार, 05, अक्टूबर को दोपहर 12 बजे तक रहेगी।

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Dusshera 2022: आश्विन मास की शुरुआत हो चुकी है।इसी के साथ बुराई पर अच्‍छाई की जीत के प्रतीक यानी दशहरे का इंतजार भी खत्‍म होने वाला है।दशहरा शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को हर वर्ष मनाया जाता है। इस त्योहार को बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक मानकर मनाया जाता है, लेकिन इस बार का दशहरा बेहद खास रहने वाला है।कोरोना काल के बाद इस दोबारा से दशानन का पुतला दहन भव्‍य तरीके से होगा।

मेला लगेगा और आतिशबाजी भी आकर्षण का केंद्र रहेगी।हिंदू मान्‍यताओं के अनुसार आश्विन शुक्ल दशमी को भगवान श्रीराम ने लंकापति रावण का वध कर माता सीता को छुड़ाया था।इस अवसर पर हर साल रावण, कुंभकरण और मेघनाद के पुतलों का दहन किया जाता है। संपूर्ण उत्तर भारत में इस त्योहार बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है।

हिंदू पंचांग के अनुसार इस वर्ष अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि मंगलवार, 4 अक्टूबर को दोपहर 2 बजकर 20 मिनट से प्रारंभ होगी और अगले दिन यानी बुधवार, 05, अक्टूबर को दोपहर 12 बजे तक रहेगी। विजयदशमी 5 अक्‍टूबर को ही मनाई जाएगी ।इस दौरान श्रवण नक्षत्र 4 अक्टूबर को रात 10 बजकर 51 मिनट से लेकर 5 अक्टूबर को रात 09 बजकर 15 मिनट तक रहेगा।

Dusshera 2022: Huge Effigy of Ravan
Dusshera 2022.

Dusshera 2022: यहां जानिए रावण दहन का मुहूर्त

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Dusshera 2022.

ज्‍योतिषियों के अनुसार रावण के पुतला दहन का भी मुहूर्त तय होता है।जिसके अनुसार ही देश के राज्‍यों में रावण, मेघनाद और कुंभकरण के पुतलों का दहन किया जाता है।

  • दिल्‍ली में रावण के पुतला दहन का समय सांय 4.20 बजे से लेकर 07.20 तक
  • गुरुग्राम में रावण दहन का मुहूर्त- 4.21 बजे से लेकर 07.21मिनट तक
  • भोपाल में रावण दहन का मुहूर्त- 4.23 बजे से लेकर 07.23 मिनट तक

Dusshera 2022: दिल्‍ली के ततारपुर, मथुरा रोड, बाहरी रिंग रोड पर दिखने लगे दशानन के पुतले

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Dusshera 2022.

कोरोना काल के बाद इस वर्ष रावण के पुतला तैयार करने वालों को इस बात की उम्‍मीद है कि इस वर्ष उनके पुतलों की मांग बढ़ेगी।रावण का पुतला बनाने के लिए मशहूर पश्चिमी दिल्‍ली का ततारपुर, मथुरा रोड, बाहरी रिंग रोड, रोहिणी डीडीए पार्क, बुराड़ी, तिमारपुर में बड़ी संख्‍या में लोग पुतला निर्माण में जुटे हुए हैं।

रावण के भव्‍य पुतलों के लिए देश ही नहीं बल्कि पूरी एशिया की सबसे लोकप्रिय और पुरानी ततारपुर के रावण मार्केट में कारीगर आजकल व्यस्‍त हो गए हैं।यहां दशहरे को लेकर रावण, कुम्भकर्ण और मेघनाथ के पुतलों को बनाने की शुरुआत हो चुकी है। मालूम हो कि यहां 5 से लेकर 50 फुट तक के पुतलों का निर्माण किया जाता है। जिनकी डिमांड दिल्‍ली-एनसीआर समेत कई राज्‍यों में रहती है।

Dusshera 2022: कोरोना ने व्‍यवसाय किया था चौपट

Dusshera effigies of Ravan in  Tatarpur Delhi.
Dusshera 2022.

गौरतलब है कि दो वर्ष से कोरोना और लॉकडाउन की मार की झेल रहे पुतला कारीगरों की मेहनत बर्बाद हो गई थी।सारे पुतले धरे के धरे रह गए थे। इस वजह से इसके निर्माता और कारीगरों को काफी नुकसान भी उठाना पड़ा था।
पिछले 40-45 सालों से पुतलों को बनाने वालों ने बताया कि ये ही उनका काम है और यहां बनाये गए पुतले विदेशों तक जाते थे, लेकिन कोरोना और लॉकडाउन ने उनके काम को चौपट कर दिया। बहरहाल एक बार फिर से नई ऊर्जा और सकारात्मक सोच के साथ यहां के कारीगर पुतलों को बना रहे हैं, जिससे इनकी रोजी-रोटी भी चलती रहे और इस प्रसिद्ध मार्केट का नाम भी बना रहे।

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