Basant Panchami 2024: बसंत पंचमी की सुबह जरूर करें ये काम, हर काम में मिलेगी सफलता

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सरस्वती पूजा हर साल माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है। वहीं उदया तिथि के अनुसार इस साल 14 फरवरी को बसंत पंचमी मनाई जाएगी। इस दिन ज्ञान की देवी मां सरस्वती की विधि विधान से पूजा की जाती है। सरस्वती पूजा के दिन अबूझ मुहूर्त है। इस दौरान कोई भी शुभ काम किसी भी समय किया जा सकता है। बच्चों के लिए ये पर्व काफी खास माना जाता है। इस दिन कुछ ऐसे काम हैं जिन्हें सुबह-सुबह करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है।

ब्रह्म मुहूर्त में जरूर करें ये काम

मां सरस्वती की श्रद्धाभाव से पूजा करने से व्यक्ति को ज्ञान, सुख, समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

बसंत पंचमी के दिन सुबह ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करने के बाद सबसे पहले सूर्यदेव को अर्घ्य दें।

सूर्यदेव को अर्घ्य देने के बाद मां सरस्वती की पूजा करें।

मां सरस्वती की प्रतिमा स्थापित करें।

शहद और दूध के साथ जल से अभिषेक करें।

मां सरस्वती को पीले फूल और सफेद फूल अर्पित करें।

यह सभी काम ब्रह्म मुहूर्त (ब्रह्म मुहूर्त मंत्र) के दौरान ही करें।

मां सरस्वती के लिए भोग तैयार करें और उन्हें अर्पित करें।

अगर आप मां सरस्वती की विशेष कृपा पाना चाहते हैं तो आपको बसंत पंचमी के पावन अवसर पर मां सरस्वती की आरती जरूर और मंत्रों का उच्चारण जरूर करना चाहिए।

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मां सरस्वती की आरती और उनके मंत्र

माता के मंत्र

ॐ वाग्देवी वागीश्वरी नम:
ओम कौमुदी ज्ञानदायिनी नम:
ॐ माँ चन्द्रिका देव्यै नम:
ओम मां कमलहास विकासिनी नम:
ॐ मां प्रणवनाद विकासिनी नम:
ओम मां हंस वाहिनी नम:
ॐ शारदै देव्यै चंद्रकांति नम:
ॐ जगती वीणावादिनी नम:
ओम बुद्धिदात्री सुधा मूर्ति नमः
ॐ ज्ञानप्रकाशिनी ब्रह्मचारिणी नम:

मां की आरती

जय सरस्वती माता, मैया जय सरस्वती माता ।

सदगुण वैभव शालिनी, त्रिभुवन विख्याता ॥

जय जय सरस्वती माता…
चन्द्रवदनि पद्मासिनि, द्युति मंगलकारी ।

सोहे शुभ हंस सवारी, अतुल तेजधारी ॥

जय जय सरस्वती माता…

बाएं कर में वीणा, दाएं कर माला ।

शीश मुकुट मणि सोहे, गल मोतियन माला ॥

जय जय सरस्वती माता…

देवी शरण जो आए, उनका उद्धार किया ।

पैठी मंथरा दासी, रावण संहार किया ॥

जय जय सरस्वती माता…

विद्या ज्ञान प्रदायिनि, ज्ञान प्रकाश भरो ।

मोह अज्ञान और तिमिर का, जग से नाश करो ॥

जय जय सरस्वती माता..

धूप दीप फल मेवा, माँ स्वीकार करो ।

ज्ञानचक्षु दे माता, जग निस्तार करो ॥

जय जय सरस्वती माता…

माँ सरस्वती की आरती, जो कोई जन गावे ।

हितकारी सुखकारी, ज्ञान भक्ति पावे ॥

जय जय सरस्वती माता…
जय सरस्वती माता, जय जय सरस्वती माता ।

सदगुण वैभव शालिनी, त्रिभुवन विख्याता ॥

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। APN NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है। )

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